मौसस बिगाड सकता है आपकी सेहत

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भारत चौहान नई दिल्ली , अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), सफदरजंग, आरएमएल समेत राजधानी के अन्य सरकारी निजी अस्पतालों में मौसम हो रहे परिवर्तन से बीमारों का ग्राफ बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दरअसल,मौसम की करवट सेहत के लिए परेशानी का कारण बन रही है। पिछले दिनों हुई बारिश से एक बार फिर सुबह रात को मौसम की आद्र्रता में नमी दर्ज की गई है तो वहीं दिन में गर्मी का अहसास हो रहा है। मौसम का यह मिजाज सीधे रूप से वायरल बुखार, गले में परेशानी व आंखों में जलन का भी कारण बन सकता है। जबकि आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर इसे ऋतु संधि का नाम दे रहे हैं, जिसमें अमूमन कफ से जुड़ी समस्याएं अधिक सामने आती हैं।
गुरु तेग बहादुर अस्पताल के ईएनटी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. पीपी सिंह ने बताया कि मौसम का असर वायरल बुखार के रूप में देखा जा सकता है। शरीर में थकान या फिर सिरदर्द की समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। तापमान में तेजी से बढ़ोत्तरी और फिर कमी के अनुसार शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता खुद को नहीं बदल पाती हैं और आसानी से फ्लू व इसी स्टेन से जुड़े वारयस आसानी से हमला कर देते हैं। इससे वायरल और फ्लू बुखार भी हो सकता है। इसके साथ ही गले का स्ट्रेपटोकॉकल वायरस के पनपने के लिए भी यह मौसम सटीक है। राममनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसन विभाग के जनरल फिजिशियन डा. राजेश तनेजा ने बताया कि आद्रता के मौसम में पानी के जरिए ई कोलाई और हेपेटाइटिस ए व ई वायरस पीने के पानी में मिल जाते हैं, जो पेचिन और पेट में गड़बड़ी की वजह बन सकते हैं। लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आयुर्वेद विभाग के डा. अखिलेश वशिष्ठ कहते हैं ऋतु परिवर्तन में बीमारियों का हमला कफ में परिवर्तन की वजह से आता है। जिसमें ऋतु संधि का असर भी कहा जाता है। विटामिन सी युक्त चीजें व नियमित व्यायाम मौसम में सेहत मंद रख सकता है।
रखें गले का ध्यान:
-आर्दता की वजह से गले के स्ट्रेपटोकॉकल वायरस का संक्रमण हो सकता है।
-दूषित पानी की वजह से आंखों के वायरल संक्रमण यानि कंजेक्टिवाइटिस का खतरा भी बढ़ सकता है।
विटामिन सी बढ़ाए रोगों से लड़ने की शक्ति:
मैक्स के डा. रजनीश मल्होत्रा के अनुसार बदलते मौसम में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण ही स्वाइन फ्लू व वायरल बुखार का हमला होता है। विटामिन सी इससे बचा सकता है। इसके लिए मौसमी फल अन्नास, संतरा, मौसमी, नीबू और आंवला का इस्तेमाल करना चाहिए।
भिंडी दही से बचें:
दिल्ली नगर निगम में पंचकर्मा हास्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डा. आरपी पाराशर के अनुसार आयुर्वेद के अनुसार ऋतु संधि के असर से बचने के लिए बारिश के बाद स्टार्च वाली चीजें जैसे भिड़ी, दही, कढ़ी व अरबी का सेवन नहीं करना चाहिए। यह कफ से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकती हैं।

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