विहिप ने की चुनाव आयोग से कश्मीरी नेताओं की शिकायत -देश की सम्प्रभुता पर हमलावर अब्दुल्ला-मुफ्ती के विरुद्ध कार्यवाही की मांग

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों व नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा पीडीपी के प्रमुख नेताओं द्वारा बार बार दिए जा रहे भारत विरोधी बयानों व धमकियों के साथ कश्मीर घाटी के बहुसंख्यक मुस्लिम समाज तथा अल्पसंख्यक गैर मुस्लिमों के बीच वैमनष्य पैदा करने के विरु द्ध शिकायत करने वि हिन्दू परिषद (विहिप) का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल बृहस्पतिवार को चुनाव आयोग कार्यालय गया और निर्वाचन आयुक्त से मिला। विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार के नेतृत्व में गए प्रतिनिधि मंडल ने चुनाव आयोग से कहा है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान की कठपुतली बन धारा 370 व 35 का विरोध कर लगातार कश्मीर की बहु संख्यक मुस्लिम आबादी हिंसा के लिए उकसा रहे हैं। वहां के माहौल को जानबूझकर योजना पूर्वक साम्प्रदायिक बनाने की कुचेष्टा की है। अत: इन नेताओं द्वारा आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन करने के कारण इनके विरु द्ध आवश्यक कार्यवाही की जाए। आयोग को संबधित दस्तावेज सौंपते हुए उन्होंने कहा कि जो नेता भारत की सम्प्रभुता पर हमला करते हुए यह कहते हों कि ना समझोगे तो मिट जाओगे ऐ हिन्दुस्तान वालो, तुम्हारी दांस्ता तक भी ना रहेगी दास्तानों में और जो वहां के बहुसंख्यक मसलमानों के नाम पर जनता को भारत को तोड़ने के लिए भड़काते हों तो उन पर कड़ी कार्यवाही तो बनती ही है। आयोग ने प्रतिनिधि मंडल को आरोपों की जांच के बाद उचित कार्यवाही का भरोसा दिया है।


ज्ञापन में कहा गया है कि इन नेताओं द्वारा जनता को मुस्लिम सम्प्रदाय के आधार पर खुले आम देश-द्रोह के लिए उकसा कर भारत के टुकडे करने का प्रयास किया जा रहा है। यह इन नेताओं व उनके सम्बन्धित दलों द्वारा न सिर्फ भारत के संविधान, और इसके अंतर्गत बनाए गए सर्वोच्च न्यायालय, संसद व चुनाव आयोग की सर्वोच्चता पर बल्कि भारत की सम्प्रभुता पर भी सीधा हमला है। इस प्रकार के गैर जिम्मेदाराना बयानों को किसी भी लोकतांत्रिक देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के आधार पर स्वीकार नहीं किया जा सकता है।

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