संसद में दिन भर हुए हंगामे के बाद आखिर लोकसभा से पास हुआ तीन तलाक बिल,कांग्रेस ने किया बहिष्कार

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ज्ञान प्रकाश के साथ भारत चौहान नई दिल्ली,
विपक्षी पार्टियों के विरोध के चलते लंबे अरसे से अटका तीन तलाक विधेयक लोकसभा से पास हो गया है। वोटिंग से पहले इस बिल पर विपक्षी और सत्ताधारी दलों के सांसदों ने अपने-अपने पक्ष रखे। वोटिंग से पहले कांग्रेस, डीएमके समेत कई दलों ने सदन से वॉकआउट कर लिया।

तीन तलाक विधेयक लोकसभा में पारित। विधेयक के पक्ष में 245 और 11 वोट पड़े। तीन तलाक में वोटिंग पर ओवैसी का प्रस्ताव गिरा। ओवैसी की तरफ से लाए गए प्रस्ताव को सदन से मंजूरी नहीं मिली।
वोटिंग में ओवैसी के प्रस्ताव के समर्थन में 15 वोट पड़े जबकि 236 सांसदों ने प्रस्ताव का विरोध किया। तीन तलाक में संशोधन पर वोटिंग हो रही है। वोटिंग से पहले कांग्रेस, डीएमके और एआईएडीएमके समेत कई विपक्षी दलों ने सदन से वॉकआउट कर लिया।

तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) की प्रथा पर रोक लगाने के मकसद से लोक सभा में ट्रिपल तलाक विधेयक को पेश कर दिया गया। सदन में विपक्षी पार्टियां जहां इस बिल का विरोध कर रही थीं। बिल को लेकर मचे विपक्ष के हंगामे के चलते राज्यसभा को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया था। वहीं, लोकसभा को भी दो बजे तक स्थगित करना पड़ा था।
दो बजे के बाद लोकसभा में बिल को लेकर एक बार फिर से बहस शुरू हुई। लोकसभा में तीन तलाक बिल को पास कराने के लिए बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हीप जारी कर सदन में उपस्थित होने को कहा, वहीं कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को व्हीप जारी किया।

दरअसल, पिछले सप्ताह सदन में इस पर सहमति बनी थी कि 27 दिसंबर को विधेयक पर चर्चा होगी। इससे पहले कांग्रेस ने इस पर सहमति जताई थी कि वह ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2018’ पर होने वाली चर्चा में भाग लेगी। जानिए कि आज इस मामले में लोकसभा में किसने क्या कहा…
मानवीयता के नजरिये से देखें : रविशंकर प्रसाद

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल को पेश करते हुए कहा कि इस मामले को मानवीयता के दृष्टिकोण से देखें, न कि राजनीतिक चश्मे से। उन्होंने कहा कि जनवरी 2017 से लेकर 10 दिसंबर तक देशभर में 177 ट्रिपल तलाक के मामले सामने आए।
कांग्रेस ने किया विरोध

वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम चर्चा में भाग जरूर लेंगे और अपना मत सामने रखेंगे। हमारी सरकार से अपील है कि धार्मिक मामलों में दखलअंदाजी न करें। असम से कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने कहा कि अगर महिला का सवाल है, तो हमें कोई ऐतराज नहीं है। मगर, मुंह में राम बगल में छूरी से हमें ऐतराज है।

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इस बिल को क्लोज स्क्रूटनी के लिए ज्वाइंट सेलेक्शन कमेटी के पास भेजा जाए। उन्होंने कहा कि सुष्मिता देव ने कांग्रेस का पक्ष रखते हुए शायरा बानो केस का किया जिक्र। उन्होंने कहा कि यह कानून मुस्लिम महिला के सशक्तिकरण के लिए नहीं, बल्कि मुस्लिम आदमियों को दोषी करार करने का बिल है।
कुरान की किस सूरा में है जिक्र : मीनाक्षी लेखी

मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समानता के अधिकार के तहत तीन तलाक को खत्म की जरूरत। मुझे गर्व है कि पीएम मोदी और हमारी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए कई कदम उठाए हैं। सीआरपीसी 125 के तहत महिलाएं गुजारा भत्ता पाने की अधिकारी हैं।

उन्होंने कहा कि तीन तलाक का विरोध करने वालों से पूछना चाहती हूं कि कुरान के किस सूरा में तलाक ए बिद्दत का जिक्र है। ये महिला बनाम पुरुष का नहीं बल्कि मानव अधिकार का मसला है। कांग्रेस तलाक के अधिकार की बात करती है, और हम शादी के अधिकार की बात करते हैं।

हिंदू विवाह कानून, पारसी विवाह कानून और मुस्लिम विवाह कानून के बीच तुलना करना गलत है। अगर इस पर चर्चा करनी है तो समान नागरिक संहिता पर हम सब एक साथ बैठें। निकाह पूरे समाज के सामने होता है, लेकिन एक वाट्सएप, एक एसएमएस, एक कॉल और शादी खत्म, ये कैसा कानून है। गुमराह करने वाले रवैये की वजह से अध्यादेश लाना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन तलाक के 430 मामले सामने आए हैं।

कुरान में भी कहा गया है कि तलाक नहीं होना चाहिए, मोहम्मद साहब भी तलाक के खिलाफ थे। इसलिए उन्होंने तलाक को काफी लंबा और मुश्किल रखा, ताकि सुलह के ज्यादा से ज्यादा हो सके और तलाक की नौबत न आए।

मुस्लिम तुष्टिकरण की वजह से कांग्रेस इतिहास बनाने से चूकी, जो तीन तलाक खत्म करके हम बनाने जा रहे हैं। भगवान अयप्पा का स्वरूप एक ब्रह्मचारी का है। इसीलिए सबरीमाला मंदिर में महिलाएं खुद नहीं जाना चाहती हैं। शशि थरूर जी का बयान इस मामले को समझने के लिए काफी है।

सती प्रथा भी हुई खत्म

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सती प्रथा के बारे में जब बात हुई, तब भी लोगों ने इसका विरोध किया था। कहा गया कि यह धार्मिक मसला है। मगर, इसे खत्म कर दिया गया। बाल विवाह जैसी कुरीति को भी खत्म किया गया। इसी तरह से ट्रिपल तलाक को भी खत्म किया जाना चाहिए।

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