दिल्ली के कई अस्पतालों में आज डॉक्टरों की हड़ताल – जीटीबी, अंबेडकर, डीडीयू और संजय गांधी अस्पताल में हड़ताल – मरीजों को नहीं मिलेगी ओपीडीसेवा, इमरजेंसी सेवा रहेगी चालू -तीन चरणों में बैठके रही बेनतीजा

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, दिल्ली सरकार की टालू रवैये से नाराज डाक्टर अब बेमियादी हड़ताल जाने के र्ढे पर चल पड़े हैं।
बुधवार को दिल्ली के कई सरकारी अस्पतालों में मरीजों को चिकित्सीय सुविधा नहीं मिल सकेगी। रेजीडेंट्स वेतन की मांग को लेकर दिनभर हड़ताल का निर्णय लिया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के पूरी तरह लागू नहीं होने के विरोध में दिल्ली सरकार के सभी मेडिकल कॉलेज (जीटीबी, एमएएमसी, अंबेडकर, डीडीयू और संजय गांधी मेमोरियल) के रेजीडेंट डॉक्टरों ने 19 दिसंबर को हड़ताल की घोषणा की है। डाक्टरों को उम्मीद थी कि दोपहर बाद तक सरकार उनकी बात मान लेगी लेकिन तीन चरणों में स्वास्थ्य सचिव के साथ हुई बैठक क्रमश: 10 बजे, अपराह्न 2 बजे और सायं साढ़े सात बजे बेनतीजा ही रही। उन्होंने प्रबंधन को यह चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांगों पर सुनवाई नहीं हुई तो 20 दिसंबर से अस्पताल में अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। इसके कारण ओपीडी सेवा बाधित रहेगी। जबकि डॉक्टरों का कहना है कि आपातकालीन सेवाएं सुचारु रूप से जारी रहेंगी।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के अध्यक्ष डॉ. सुमेध ने बताया कि लंबे समय से दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू कराने की मांग सरकार से कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। बार-बार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से मांग करने के बाद भी आासन के अलावा अन्य कुछ उन्हें नहीं प्राप्त हुआ है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों के पास हड़ताल के अलावा अन्य कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने बताया कि 19 दिसंबर को हड़ताल के बाद भी अगर प्रबंधन नहीं चेता तो 20 से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर देंगे। हड़ताल के दूसरे दिन इसमे निगम और केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हो सकते हैं।
देर सायं तक सचिवालय में ठटे रहे डाक्टर:
डेढ़ वर्ष से अपनी मांगों को लेकर परेशान डॉक्टरों ने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में डेरा जमा लिया। यहां स्वास्थ्य विभाग के सचिव कार्यालय में बैठे डॉक्टरों के साथ बैठक में कहा गया कि वे हड़ताल वापस लें और अगले सप्ताह आकर इस पर चर्चा करें। उन्हें दिलासा दिया कि अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों को इस बारे में निर्देश दिए जाएंगे, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें अब दिलासा नहीं लिखित में कार्रवाई चाहिए। खबर लिखे जाने तक करीब 20 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल देर रात तक सचिवालय में ही धरनारत था। डाक्टर इस बात को लेकर अडे हैं कि वे किसी भी सूरत में कम्प्रोमाइज नहीं करेंगे, मांग नहीं मानी गई तो हड़ताल जारी रखेंगे।

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