ये बल्बों की जगमग नहीं, जिंदगी लीलने की आग है साहब -और देखते देखते मौत के मंजर में तब्दील हो गया होटल -घुटन भरे धुएं से थमी सांसे, खत्म हुई जिंदगी

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली ..धुआं, घुटन और दहशत बनी मौत की वजह। डा. राममनोहर लोहिया अस्पताल की इमरजेंसी में मंगलवार को एक के बाद एक कैट्स एम्बुलेंस पर इस उम्मीद से झुलसों को लाया जा रहा था कि शायद यहां के डाक्टर उनकी जान बचा लेंगे। लेकिन इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों की टीम ने उनकी नब्ज टटोलते और नो मोर कहते हुए उन्हें मोरचरी में ले जाने की सलाह दे रहे थे। यह सब अपराह्न एक बजे तक जारी रहा। आरएमएल, लेडीहार्डिग में जिन 17 लोगों की मौत हुई है, इनमें से 12 की दम घुटने से जबकि अन्य की 5 लोगों की ज्यादा झुलसना मौत का कारण बना।
मौत का मंजर:
होटल के ठीक बाहर चाय, समोसी की दुकान लगाने वाले 65 वर्षीय राम अवतार ने बताया कि रोज की तरह दुकान 4 बजे खोल देता हूं। लेकिन यहां पर करीब 4 बजकर 35 मिनट पर अचानक धमाका हुआ, बदबूदार धुआं फिर आग की लपटे निकलने लगी। कुछ समझ में आता इस बीच फायर की गाड़ियां सायरन बजाते हुए घटनास्थल पर पहुंची तब पता चला कि होटल में आग लग गई है। लोग जान बचाने के लिए त्राहिमाम् त्राहिमाम् कर रहे हैं। हम विवश थे कुछ भी न कर सके।
आरएमएल में:
इमरजेंसी यूनिट के अध्यक्ष डा. नूतन मेहता के अनुसार 17 शवों में से लेडी हार्डिग हास्पिटल की मोरचरी में 4 शवों को रखा गया है। इनमें से 12 की पहचान हो गई है, जिनमें से तीन केरल और दो म्यामांर के निवासी हैं, दो हिंदुस्तान पेट्रोलियम के सदस्य थे। जबकि अन्य कहां के रहने वाले है इसका फिलहाल खुलासा नहीं किया है। जबकि 43 वर्षीय एक महिला 45 फीसद झुलसी हालत में लाई गई। जिसे यहां प्लास्टिक एंड बर्न वार्ड में आईसीयू में रखा गया है। जहां पर उसकी हालत अति गंभीर बताई गई है।
उन्होंने बताया कि 13 शवों को राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल) लाया गया। चार शवों को लेडी हार्डिंग अस्पताल में लाया गया। हालांकि लेडी हार्डिग में लाए गए चार शवों में से एक झुलसे व्यक्ति को पहले राजेंद्र नगर स्थित बीएलके हास्पिटल ले जाया गया था जहां पर उसे मृत घोषित करने के बाद शव को यहां लाया गया। एक अन्य डाक्टर योगेश त्यागी ने कहा कि अधिकांश की मौत दम घुटने की वजह से हुई है।
यहां चल रहा है इलाज:
फिलहाल अग्निकांड के 5 झुलसों में से तीन को गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि आरएमएल में दो को भर्ती कराया गया है। जहां पर उनकी हालत स्थिर लेकिन गंभीर बताई गई है।
होटल आग: केरल निवासी को नहीं पता था, यूं मातम में बदल जाएगी खुशी:
सोमशेखर और उनका परिवार सोमवार को उसी अर्पित पैलेस होटल में ठहरा हुआ था जिसमें देर रात भीषण आग लग गई। यह परिवार मंगलवार तड़के हरिद्वार रवाना होने की तैयारी में था, तभी अचानक बिजली चली गई और उनकी मंजिल पर धुएं का गुबार फैल गया। सोमशेखर के अलावा, उनके समूह के 12 सदस्य मध्य दिल्ली के इस होटल में ठहरे हुए थे। इस अग्निकांड में एक बच्चे सहित 17 लोगों की मौत हो गई।
हसरत न हो सकी पूरी:
सिसकते हुए सोमशेखर (57) ने कहा कि इस हादसे में उनकी बहन (53), मां (84) और भाई (59) की मौत हो गई। परिवार केरल के एर्नाकुलम जिले से गाजियाबाद एक शादी में शामिल होने आया था। उन्होंने कहा हम गाजियाबाद में एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने आए थे। हमारी मंगलवार को हरिद्वार जाने की योजना थी। सोमशेखर ने कहा हम तड़के तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक बिजली गुल हो गई। उन्होंने जैनरेटर चलाया और वहां धुआं तथा दुर्गध थी। मेरी बहन ने सबसे पहले धुआं देखा और हमें इसके बारे में बताया। मेरी बहन के साथ मेरी मां और भाई भी थे।
शव एयर से भेजने की तैयारी:
केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने आरएमएल प्रशासन से संपर्क किया, और वहां रखे गए तीन शवों को तिरुवनंतपुरम विशेष विमान से ले जाने की बात की। शवों को बुधवार सुबह पांच बजकर दस मिनट पर एयर इंडिया के एक विमान से कोच्चि लाया जाएगा।
आरएमएल के बाहर:
शव विच्छेदन गृह के बाहर मृतकों के जानकारों में से केरल के लोग ज्यादा थे। दरअसल, एमजे राव ने कहा कि मंगलवार उनके लिए काला दिवस रहा। उन्हें इस भीषण घटना हो जाने की कल्पना नहीं थी। ऐसे क्यों हुआ, कैसे हुआ। मृतक की एक अन्य रिश्तेदार रोमा ने कहा कि आई लास्ट माई कजिन सिस्टर।

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