मधुमेह के 9.1 करोड़ मरीज हैं और करीब 4.9 करोड़ लोगों अपनी हालत से अनजान! मधुमेह से मुक्ति, जागरुकता पर जोर,

वि मधमेह दिवस आज डब्ल्यूएचओ ने इस रोग के प्रति परिवारों को जागरूक बनाने सहित दिए कई सुझाव

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ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली , मधुमेह के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए वि स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दक्षिण पूर्व एशिया में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल को मजबूत करने, पर्यावरण अनुकूल क्षेत्र और आउटडोर जिम बनाने और परिवारों को सशक्त बनानें जैसे कई उपाय बताए। दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल सिंह ने वि मधुमेह दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय सहारा से कहा कि दक्षिण पूर्व एशिया में मधुमेह के 9.1 करोड़ मरीज हैं और करीब 4.9 करोड़ लोगों अपनी हालत से अवगत नहीं हैं।
डा. सिंह ने कहा कि मधुमेह से निपटने में क्षेत्र की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को परिवारों को सशक्त बनाना चाहिए क्योंकि डायबिटीज के जोखिमों के बारे में जागरूकता फैलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। सबसे पहले वे ही मधुमेह के संकेत, उससे जुड़ी समस्याओं और जटिलताओं को पहचानते हैं। अच्छी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मधुमेह से लड़ने में परिवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। परिवारों को सामाजिक और व्यवहार परिवर्तन अभियानों के माध्यम से जागरूक किया जा सकता है। इन अभियानों में इस बात पर भी जोर दिया जाना चाहिए कि कैसे कोई परिवार स्वस्थ आदतें विकसित कर सकता है। डा. सिंह ने कहा कि यह ‘टाइप 2 डायबिटीज के मामलों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि खानपान की अच्छी आदतों और सही व्यायाम के जरिए उससे निपटा जा सकता है। पर्यावरण अनुकूल क्षेत्र तथा आउटडोर जिम बनाने से वजन संबंधी परेशानियों से भी निपटा जा सकता है। सभी परिवारों की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच होनी चाहिए। प्राथमिक स्तर की सेवाएं डायबिटीज का पता लगाने में सक्षम होनी चाहिए। अच्छी दवाओं और चिकित्सा उत्पादों की एक विसनीय आपूर्ति जो इनसे निपटने में मदद कर सकती है, उन तक आसान पहुंच होनी चाहिए।
सनद् रहे:
हर साल के 14 नवंबर को वि मधुमेह दिवस के तौर पर मनाया जाता है, जिसका थीम ‘मधुमेह और परिवार’ होता है। यह एक वैिक कार्यक्रम है, जो डायबिटीज के बारे में जागरु कता के लिए 170 देशों के करोड़ों लोगों को साथ लाता है। दुनिया में लगभग 429 मिलियन लोग डायबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं।
मधुमेह, रक्तचाप, अनिद्रा से परवल असरदार:
परवल में क्रोमियम पर्याप्त मात्रा होता है। क्रोमियम की मात्रा अधिक होने के कारण यह पित्ताशय में उपस्थित इंसुलिन को सक्रिय कर शरीर में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है। परवल में उपस्थित सोडियम और पोटेशियम शरीर में पानी के स्तर, कोशिकाओं व रक्तचाप के कार्य को भी सुचारू रूप से संचालित करता है। कैल्शियम शारीरिक सौंदर्य व हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक है। परवल में उपस्थित मैग्नीज व मैग्नीशियम शरीर में आलस्य, रक्तचाप, अनिद्रा जैसी बीमारियों से छुटकारा दिलाने में सहायक होते हैं।

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