पोलियो टीकाकरण कार्यक्रम पर डब्ल्यूएचओ तथा यूनिसेफ का बयान

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भारत चौहान नई दिल्ली,भारत मार्च 2014 में आधिकारिक तौर पर पोलियोमुक्त हो गया था, लेकिन इसके बाद भी भारत सभी तीन प्रकार के पोलियो विषाणुओं की रोकथाम को लेकर सतर्क है। वाइल्ड पोलियोवायरस के कारण देश में 13 जनवरी 2011 को पोलियो के अंतिम केस का पता चला था।

टाइप-2 पोलियोवायरस युक्त वैक्सीन को विश्वभर से धीरे-धीरे हटा लिया गया और भारत में इसे पोलियो एंड गेम स्ट्रेटजी के तहत अप्रेल 2016 में हटाया गया। अन्य जगहों की तरह भारत में सभी पोलियो अभियानों और नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में ट्राइवेलेंट ओवर पोलियोवायरस वेक्सीन (टीओपीवी) का स्थान बाइवेलेंट ओरल पोलियोवायरस वेक्सीन (बीओपीवी) ने ले लिया ।

इंडिया एक्सपर्ट एडवाइजरी ग्रुप की सलाह के अनुसार, भारत का पोलियो के खिलाफ व्यापक टीकाकरण अभियान जारी है, और पोलियो के खिलाफ उच्च प्रतिरक्षा को बनाए रखने के लिए बीओपीवी का उपयोग किया जा रहा है।

साल 2018 में दो राष्ट्रीय स्तर के और एक उप-राष्ट्रीय स्तर का अभियान शुरू किया जा चुका है। सभी प्रकार के पोलियोवायरस के खिलाफ उच्च प्रतिरक्षा को बनाए रखने के प्रयासों के तौर पर भारत नियमित टीकाकरण के तहत देशभर में बच्चों को इनएक्टीवेटेड पोलियोवायरस वेक्सीन (आईपीवी) और बीओपीवी मुहैया कराता है।

हाल ही में कुछ नालों और मल के नमूनों में टाइप-2 पोलियो वेक्सीन वायरस पाए गए थे। टाइप-2 वेक्सीन वायरस का पता लगाया जाना सुदृढ़ पोलियो निगरानी प्रणाली की सक्रियता को दर्शाता है, जिसका प्रबंधन संयुक्त रूप से स्वास्थ्य मंत्रालय, डब्ल्यूएचओ और साझीदारों द्वारा किया जाता है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय की एक टीम ने इस मामले की गहनता से जांच की। जांच से भारत में एक मैन्यूफेक्चरर द्वारा सप्लाई किए गए बीओपीवी की एक खेप में टाइप-2 पोलियो वेक्सीन वायरस के अंश पाए जाने का पता चला।

स्वास्थ्य तथा परिवार कल्याण मंत्रालय ने तत्काल व निर्णायक कार्रवाई करते हुए भारत के उन सभी राज्यों से वेक्सीन को वापस ले लिया, जहां इस मैन्युफेक्चरर द्वारा इसकी सप्लाई की गई थी। इस वेक्सीन से पोलियो के फैलने का जोखिम नहीं के बराबर था लेकिन इसके बावजूद सरकार ने तत्काल प्रभाव से हरकत में आते हुए इसे वापस ले लिया, यह बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

भारत में यूनिवर्सल इम्युनाइजेन प्रोग्राम (यूआईपी) के तहत जिस तरह नियमित टीकाकरण कवरेज अधिक हो रहा है, उसे देखते हुए इस वेक्सीन के कारण भारत में बच्चों के पोलियो की चपेट मे आने की गुंजाइश न के बराबर है। यूआईपी के तहत सभी वेक्सीन सुरक्षित हैं। आपके बच्चे को पोलियो की सही और सुरक्षित खुराक मिली है , यह सुनिश्चित करना सिर्फ उसके/उसकी संरक्षण के लिए ही जरूरी नहीं है बल्कि भारत को पोलियोमुक्त रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है।

डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ भारत को पोलियो मुक्त रखने के प्रयासों में हर कदम पर सरकार के साथ हैं।

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