मंत्री समूह ने कोविड-19 की वर्तमान स्थिति, कार्रवाई और प्रबंधन की समीक्षा की -निर्माण में गुणवत्ता और मानक बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित: डा. हषर्वर्धन

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , कोविड-19 पर मंत्री समूह की 12वीं बैठक केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की अध्यक्षता में आज निर्माण भवन में हुई।

मंत्री समूह ने कोविड-19 के प्रबंधन और नियंतण्रपर विस्तृत विचार-विमर्श किया। मंत्री समूह ने अब तक की गई कार्रवाई, बचाव की रणनीति के तहत महत्वपूर्ण उपाय सोशल डिस्टेंसिंग की वर्तमान स्थिति और इस संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए राज्यों/केन्द्र द्वारा किए गए कड़े उपायों पर चर्चा की। जिसमें सभी जिलों से कोविड-19 पर काबू पाने के लिए प्रभावी आपात योजनाएं तैयार करने को कहा गया है। कोविड-19 के विशेष अस्पताल विकसित करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने, चिकित्सा संस्थानों को पीपीई, वेंटिलेटर और अन्य आवश्यक उपकरण आदि प्रदान करने समेत राज्यों की क्षमता मजबूत बनाने के कई अन्य उपायों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गई। राज्यों से निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 के अन्य केन्द्र और अस्पतालों की पहचान करने को कहा गया है।
स्थिति से रूबरू कराया:
इस समय मृत्यु दर लगभग 3 प्रतिशत है जबकि मरीजों के स्वस्थ होने की दर 12 प्रतिशत है जो कि अधिकांश देशों के मुकाबले बेहतर है और इसे लॉकडाउन के सकारात्मक परिणाम के रूप में देखा जाना चाहिए, साथ ही कलस्टर प्रबंधन और कंटेनमेंट की रणनीति भी इसमें सहायक सिद्ध हुई है। मंत्री समूह ने जांच की नीति और देश भर में जांच किट्स की उपलब्धता और हॉट-स्पॉट और कलस्टर प्रबंधन की रणनीति की भी समीक्षा की। मंत्री समूह को सूचित किया गया कि देश के 170 जिले रेड जोन में रखे गए हैं, जिनमें संक्रमण के अधिक फैलाव वाले 123 जिले शामिल हैं और अन्य 47 जिलों में अधिकांश रूप से कलस्टर हैं। इसके अलावा, कलस्टर वाले 207 गैर हॉट-स्पॉट जिले हैं तथा 353 जिलों को ग्रीन जोन में रखा गया है जो संक्रमण रहित हैं। अगर पिछले 14 दिन में रेड जोन के जिलों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आता तो इसे ओरेंज जोन में बदल दिया जाएगा और अगर इसके बाद अगले 14 दिन में भी कोई मामला सामने नहीं आता तो इस जिले को ग्रीन जोन बना दिया जाएगा।
पर्याप्त चिकित्सीय संसाधन:
मंत्री समूह को पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर, दवाओं और अन्य आवश्यक उपकरणों की आवश्यकता की तुलना में उपलब्धता और पर्याप्तता से अवगत कराया गया। मंत्री समूह को यह भी बताया गया कि पीपीई तैयार करने के लिए स्वदेशी निर्माताओं की पहचान की गई है और उन्हें आपूर्ति के लिए आर्डर दे दिए गए हैं। इसके अलावा, वेंटिलेटर की खरीद के लिए भी आर्डर दे दिए गए हैं। मंत्री समूह को कोविड-19 की वर्तमान में जांच कर रही सरकारी और निजी प्रयोगशालाओं तथा प्रयोगशालाओं के इस नेटवर्क के माध्यम से प्रतिदिन की जा रही जांच की संख्या की जानकारी दी गई। मंत्री समूह ने मंत्रालयों और अधिकार प्राप्त समूहों के कार्य पर संतोष व्यक्त किया।

मंत्री समूह के अध्यक्ष और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने निर्देश दिया कि पीपीई, मास्क, वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों के निर्माण में गुणवत्ता और मानक की की कमी नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस कार्य में किसी कमी के लिए निर्माताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। इसमें नागरिक विमानन मंत्री श्री हरदीप पुरी, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, जहाजरानी और रसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री श्री मनसुख मांडविया और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री अिनी कुमार चौबे के अलावा नीति आयोग में सदस्य, स्वास्थ्य, डॉ. विनोद के. पॉल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ श्री बिपिन रावत उपस्थित रहे।

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