लोकपाल के मुद्दे पर आर-पार की होगी लड़ाई : अन्ना

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भारत चौहान जाने-माने समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज कहा कि जन लोकपाल के मुद्दे को लेकर एक बार फिर से 23 मार्च से शुरू हो रहे आंदोलन के जरिये इस बार आर-पार की लड़ाई होगी।
श्री हजारे ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जन लोकपाल के मुद्दे को लेकर एक बार फिर से आर-पार की लड़ाई होगी, जिसकी शुरुआत दिल्ली के रामलीला मैदान से 23 मार्च को होगी। उन्होंने कहा कि उनके आंदोलन का ही असर था कि तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग) सरकार के छह मांियों को भ्रष्टाचार के मामले में जहां अपना पद छोड़ना पड़ा वहीं 400 से अधिक अधिकारियों के भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ।
समाजसेवी ने कहा कि देश में लोकपाल का कानून तो बना लेकिन वह कमजोर है। उन्होंने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने अपना परिवार तो बड़ा किया था लेकिन वह परिवार उनके खुद का नहीं बल्कि समाज का था। लोकनायक लोकतां लाना चाहते थे लेकिन वह लोकतां नहीं आया जो लोगों का, लोगों के द्वारा, लोगों के लिए सरकार बने। देश से गोरे तो चले गये लेकिन उनकी जगह काले आ गये हैं।
श्री हजारे ने कहा कि वह 35 वर्षों से आंदोलन कर रहे हैं। लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने उन्हें खड़ा किया है इसलिए वह संघर्ष तो करते हैं लेकिन अ¨हसा के माध्यम से। उन्होंने कहा कि उनके बैंक का पासबुक कहां रहता है यह उन्हें पता नहीं है। सिर्फ सोने के लिए बिस्तर और खाने के लिए प्लेट है। उन्होंने कहा कि खूब आनंद से सोता हूं और इसमें जो आनंद है वह किसी करोड़पति को भी नहीं मिलेगा।
समाजसेवी ने कहा कि देश में जैसे चुनाव आयोग और वित्त आयोग है ठीक उसी तरह से किसान मूल्य आयोग भी बनना चाहिए। किसान हमारे अन्नदाता हैं और ऐसे में सरकार को किसानों के लिए पेंशन की व्यवस्था करनी चाहिए। देश को बदलने के लिए गांव को बदलना होगा और जिस दिन सरकार किसानों का हमदर्द बन जायेगी उस दिन देश में खुशहाली लौट आयेगी। उन्होंने कहा कि आज देश के किसान आत्महत्या करने पर विवश हो रहे हैं और इससे पता चलता है कि सरकार किसानों की हितैषी नहीं है।
श्री हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंी अर¨वद केजरीवाल के श्री विक्रम मजीठिया से मांफी मांगने के सवाल पर कहा कि वैसा काम ही क्यों किया जाये जिसके लिए बाद में मांफी मांगनी पड़े। किसी को भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिसके लिए उन्हें बाद में मांफी मांगनी पड़े। उन्होंने कहा कि गलती करना और मांफी मांगना एक ही बात है।

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