अरशकौर नयी दिल्ली,
मूर्तियों को क्षतिग्रस्त करने की घटनाओं पर प्रतिविया जताते हुए बांग्लादेश की विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि लोग अपनी भावना पर काबू नहीं रख पाते। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि हारे हुए पक्ष को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए और ऐसा मध्य यु्ग में होता था।
वह त्रिपुरा में वाम विचारक व्लादिमीर लेनिन की प्रतिमाओं को गिराने की घटनाओं के संदर्भ में यह टिप्पणी कर रही थीं।
उन्होंने रीडर्स डाइजेस्ट द्वारा आयोजित एक कार्यकर्म से इतर कहा कि यह लोकतंत्र है और मध्य युग का युद्ध नहीं है जिसमें जीतने वाला हारे हुए पक्षों के घरों में तोडफोड और लूटपाट करता था।
उन्होंने कहा कि वह उस दौर की बात है जिसे हम अंधा युग कहते हैं। लेकिन यह आधुनिक समय है। अगर कोई पक्ष हार गया तो वह आपका शत्रु नहीं है। वह सिर्फ आपका राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई लेनिन को पसंद नहीं करता है तो वह उनकी विचारधारा को नहीं माने लेकिन उनकी मूर्तियां तोडने की कोई जरूरत नहीं है।
बाद में उन्होंने ट्वीट कर देश में मूर्तियां क्षतिग्रस्त किए जाने की अन्य घटनाओं का भी जिव किया और कहा, ‘‘ लेनिन, पेरियार, अंबेडकर, सुभाष बोस की मूर्तियों को क्षतिग्रस्त किया गया है। लोग अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पाते उन्होंने कहा चिंता नहीं कीजिए। मूर्तियां फिर से लग जाएंगी।’’