ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , पश्चिम बंगाल में आंदोलनरत डॉक्टरों के प्रति एकजुटता जताते हुए राजधानी में डॉक्टरों की हड़ताल के कारण शुक्रवार को करीब 500 से ज्यादा पहले से तय सर्जरियों को टालना पड़ा। अधिकांश अस्पताल इस हड़ताल में शरीक हुए। इस वजह से मरीजों को इस तपती हुई धूप और उमस गर्मी में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। अस्पताल प्रशासन की भी हड़ताली डाक्टरों को स्वास्य सेवाएं बहाल करने के लिए तैयार करने की तमाम कवायदें बेदम साबित हुई।एम्स से लेकर सफदरजंग और दिल्ली सरकार के लोकनायक, जीबी पंत, सुश्रुत ट्रामा अस्पताल में मरीजों को सोमवार को आकर ऑपरेशन की नई डेट लेने की सलाह दी है। अकेले एम्स में ही 180 के करीब ऑपरेशन टाले जाने की जानकारी मिली है। सफदरजंग अस्पताल में करीब 150 से अधिक, लोकनायक अस्पताल में यह संख्या 80 से 95 तक बताई गई वहीं जीबी पंत में 60 से 70 और सुश्रुत ट्रामा सेंटर में 80 से 90 तक सर्जरियां टाल दी गई। इसी तरह से गुरु नानक नेत्र चिकित्सालय के चार ओटी में करीब 50 से ज्यादा ऑपरेशन टालने पड़ गए। इस बीच देर सायं देशभर में एलोपैथ डाक्टरों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शुक्रवार से तीन दिवसीय राष्ट्रव्यापी विरोध का ऐलान किया है। आईएमए का तर्क है कि इस दौरान यदि स्थिति सामान्य नहीं होने की सूरत में 17 जून से देशभर के डाक्टर बेमियादी हड़ताल पर जाने के लिए विवश होंगे। इसी बीच दिल्ली सरकार के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के अधीन लोकनायक, जीबी पंत, सुश्रुत ट्रामा, गुरु नानक नेत्र चिकित्सालय इत्यादि के डॉक्टर भी हड़ताल पर थे। इसके कारण जिन मरीजों को ऑपरेशन के लिए पहले से 14 जून की तारीख दे रखी थी, उन्हें अस्पताल पहुंचने के बाद हड़ताल के बारे में जानकारी मिली। हालांकि कुछ मरीजों का यहां तक कहना था कि हड़ताल की जानकारी तो उन्हें सुरक्षा गाडरे से मिल गई लेकिन ऑपरेशन को लेकर दोबारा कब अस्पताल आना है, इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि डॉक्टर भी उनकी सुनने को तैयार नहीं थे। मरीजों का कहना था कि ऑपरेशन की दोबारा से डेट लेने के लिए अब इन्हें सोमवार से फिर अस्पताल के चक्कर काटने पड़ेंगे। जानकारों के मुताबिक शनिवार को भी दिल्ली के कई अस्पतालों में हड़ताल होने के कारण वहां भी पहले से तय ऑपरेशनों पर असर पड़ेगा। दरअसल हड़ताल के दौरान आपातकालीन सेवाओं और प्रसूति इत्यादि को लेकर सेवाएं जारी थीं। इसीलिए हड़ताल का असर मुख्य रूप से ओपीडी, जांच और पहले से तय ऑपरेशन पर पड़ा। आईएमए-डीएमए भी हड़ताल के समर्थन में : आईएमए के महासचिव डा. आरवी अशोकन ने कहा कि आज से तीन दिन के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के साथ सोमवार 17 जून को हड़ताल का आह्वान किया है। देश में डॉक्टरों के इस शीर्ष निकाय ने चिकित्सा सेवा कार्यकर्ताओं के खिलाफ हिंसा पर नियंतण्रके लिए एक केंद्रीय कानून बनाने की मांग से आगे जाते हुए कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने वालों को सात साल की सजा का प्रावधान होना चाहिए। उधर, डीएमए के अध्यक्ष डा. गिरीश त्यागी ने कहा कि शुक्रवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन शनिवार और रविवार को भी जारी रहेगा।
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