‘लॉयन एयर’ जैसी स्थिति के लिए पायलटों को विशेष प्रशिक्षण के निर्देश

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नयी दिल्ली : इंडोनेशिया में पिछले दिनों लॉयन एयर के एक विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मैक्स विमानों की तकनीकी समीक्षा की है तथा नये दिशा-निर्देश जारी किये हैं

लॉयन एयर का यह विमान बोइंग बी 737 मैक्स 03 दिसंबर को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें पायलट समेत सभी 189 यी मारे गये थे। उसकी जाँच रिपोर्ट में विमान में विशेष प्रकार की खामी ‘मैनोवरिंग कैरेक्ट्रिस्टिक्स ऑमेंटेशन सिस्टम’ (एमसीएएस) की बात सामने आयी थी जिसमें विमान का ऑटो कंट्रोल विमान के अगले हिस्से को नीचे की ओर करके विमान को सीधे जमीन की ओर ले जाता है। रिपोर्ट में पता चला था कि विमान को ऊपर उठाने की पायलट ने बहुत कोशिश की थी, लेकिन ऑटो कंट्रोल बार-बार सक्रिय हो जाता था।

भारत में जेट एयरवेज और स्पाइसजेट के पास मैक्स विमान हैं। डीजीसीए ने आज बताया कि उसने इंडोनेशिया की राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा समिति की प्राथमिक जाँच रिपोर्ट के बाद 03 दिसंबर को दोनों भारतीय एयरलाइंस के साथ समीक्षा बैठक की थी। इसके बाद नये दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

नये दिशा-निर्देशों में विमान सेवा कंपनियों से कहा गया है कि वे सिम्युलेटर पर ‘लॉयन एयर’ जैसी स्थिति बनाकर पायलटों को इसके लिए प्रशिक्षित करें। उनसे एमसीएएस तथा उसकी रिपोर्टिंग के बारे में पायलटों को विस्तृत तकनीकी जानकारी देने के लिए कहा गया है।

डीजीसीए ने कहा है कि भारतीय एयरलाइंस के विमानों में इस तरह की समस्या नहीं आयी है इसके बावजूद एहतियात के तौर पर ये कदम उठाये गये हैं। विमान सेवा कंपनियों के जरिये पायलटों को एमसीएएस की स्थिति में नजदीकी हवाई अड्डे पर विमान को उतारने के निर्देश दिये गये हैं। यदि किसी विमान में एमसीएएस की समस्या आती है तो मरम्मत के बाद बिना परीक्षण उड़ान के वाणिज्यिक उड़ान नहीं भरी जा सकेगी।

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