भारत चौहान नई दिल्ली,दिल्ली में DSGMC चुनाव जैसे -जैसे करीब आ रहे है सिख सियासत वैसे ही गरमाने लगी है। चुनाव अगले वर्ष फरवरी-मार्च, 2021 में होने की संभावना है।
आर्थिक और धार्मिक तौर पर भारी तंगी का सामना कर रही दिल्ली कमिटी को भारी विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
सूत्रों के अनुसार DSGMC के अधीन काम कर रहे मुलाजिमों को महीनों से तन्ख्वाह नही मिल रही जिसमे GHPS संस्थानों के अध्यापक भी शामिल है।
अभी हाल ही के दिनों में अध्यापकों ने श्री रकाबगंज साहिब गुरुद्वारा स्थित कमिटी ऑफिस के सामने रात भर धरना भी दिया।
शिरोमणि अकाली दल दिल्ली (SADD) के प्रधान और पूर्व DSGMC अध्यक्ष सरदार परमजीत सिंह सरना ने कहा कि” सिख इतिहास में ऐसा कभी नही हुआ जब सिख अध्यापकों को 5-5 महीने तन्ख्वाह के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हो। हमारे समय तन्ख्वाह 30 तारीख को हर महीने आ जाती थी। ”
सरदार सरना ने आगे बताया कि,
” बिना तन्ख्वाह काम करने को मजबूर अध्यापको का मनोबल टूट चुका है जिससे पूरे बच्चो का भविष्य भी अंधेरे में आ रहा है”। अब तो संस्थान भी बंद होते जा रहे है ।”
पूर्व DSGMC अध्यक्ष ने तंज कसा कि, ” सिख अध्यापकों के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए सिरसा विभिन्न तरह के आरोप-प्रत्यारोप ना लगाए और नाटक करना बंद करें।”
उन्होंने सलाह दिया कि ” बादल पार्टी को ओछी राजनीति करने के बजाय पंथक सेवा के लिए काम करना चाहिए।”