भोले बम बम के जयघोष, शिवालयों उमड़े श्रद्धालु, किया जला, दुग्धाभिषेक -सोमवार होने देश की अमन शांति के लिए सबसे शुभ दिन माना गया

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भारत चौहान नई दिल्ली , महाशिवरात्रि के अवसर पर सोमवार को राजधानी के शिवालयों में पूजा करने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। प्रीतिविहार स्थित नौ शिवलिंग मंदिर में भगवान शिव के दर्शनार्थ प्रात:काल से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। पूजा का दिन सोमवार होने के कारण इस साल की महाशिवरात्रि को बेहद शुभ माना जा रहा है। सोमवार का दिन विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना का दिन माना जाता है। समूचे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों, झंडों और बैनरों से सजाया गया था। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की। कालका जी मंदिर में महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत ने महंत परिसर में स्थापित विशालकाय शिवलिंग पर श्रद्धालुओं के साथ विधि पूर्वक जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक के साथ ही भोले बाबा के प्रिय प्रसाद भेलपत्र, धतुरा चढ़ा कर विकल्याणार्थ अमन शांति के लिए स्तुति की। श्री शिव मंदिर, बाबा खड़क सिंह मार्ग, श्री संकट मोचक मंदिर, कनाट प्लेस (बैंक ऑफ बड़ोदा के पीछे) लेन में पं. सतीश शर्मा ने जलाभिषेक कराया। इस मौके पर पं. शर्मा के नेतृत्व में शिव का भंडारा भी वितरित किया गया। पं.शर्मा ने कहा कि भोले बामा की असीम कृपा से श्रद्धालुओं की संख्या अनवरत इस मंदिर में बढ़ती ही जा रही है। यह मंदिर पांडव कालीन मंदिरों में से एक है। श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर, छतरपुर, श्री संतोषी माता मंदिर, हरी नगर, श्री शिव मंदिर, बुराड़ी समेत राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित शक्तिपीठ, सिद्धपीठ, मंदिरों के शिवालयों में विधि पूर्वक पूजन के साथ ही शिव चालीसा का आयोजन किया गया। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, श्री दुर्गा मंदिर ब्लाक ए4सी जनक पुरी में भी पूजन किया गया। पूर्वी दिल्ली के श्री सीताराम सन्त सेवा मन्दिर एवं गौ सेवा सदन में भारी तादाद में जुटे शिव भक्तों पर ज्ञान गंगा की अमृत वर्ष करते हुए श्री रामगोविन्द दास महात्यागी महाराज ने बताया कि त्रिनेत्रधारी भगवान (शिव)भोले नाथ बड़े ही दयालु है जो कि बहुत ही जल्दी अपने भक्त की पुकार सुनते है । जिनकी फिरयाद किसी के दरबार में नही सुनी जाती भगवान भोले नाथ के दरबार में उनकी भी फिरयाद सुनी जाती है इसीलिए भोलेनाथ को वंचितो के झंडे बरदार के नाम से भी जाना जाता है। पूजा की शुरुआत प्रयागराज से लाए पवित्र गंगाजल से जलाभिषेक के साथ किया गया।

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