सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट्स हड़ताल से मरीज रहे हलकान -देर सायं हड़ताल खत्म, सप्ताहभर में मांग अम्ल में लाने के बाद माने

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , शुक्रवार को वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध सफदरजंग अस्पताल के रेजिडेंट्स डाक्टर्स हड़ताल पर रहे। हड़ताली डाक्टर्स अस्पताल प्रशासन से बृहस्पतिवार को गैस्ट्रोएंट्रालॉजी यूनिट में एक डाक्टर से मरीज के परिजनों ने र्दुव्‍यवहार करने के साथ मारपीट की थी। सुरक्षा की मांग को लेकर वे हड़ताल पर थे। सायं 8 बजे अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. सुनील कुमार की रेजिडेंट्स डाक्टर्स एसोसिएशन की आहूत बैठक के बाद हड़ताल खत्म कर दी गई। दरअसल, आरडीए ने सुरक्षा बढ़ाने, संवेदनशील क्षेत्रों में एक मरीज के साथ एक ही रिश्तेदार को प्रवेश करने, गुरुवार को जिस डाक्टर के साथ मारपीट हुई थी आरोपियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करने संबंधी तीन मांगे रखी थी। जिसे अस्पताल प्रशासन ने मांग ली। इन मांगों को सप्ताहभर अम्ल में लाने का अस्पताल प्रशासन ने भरोसा दिलाया है।
क्या था मामला:
गुरुवार को गैस्ट्रो एंट्रोलॉजी यूनिट में 45 वर्षीय एक लीवर सोरायसिस मरीज को लाया गया। मरीजों ने उसे हर स्तर पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवाएं दी, लेकिन इस बीच उसकी मौत हो गई। नाराज परिजनों ने अस्पताल के डाक्टरों पर इलाज में कथित लापरवाही का आरोप लगाते हुए डाक्टर से उलझ गए। नौबत पुलिस तक जा पहुंची। इसके बाद देर बृहस्पतिवार को देर रात से ही बेमियादी हड़ताल कर दी थी।
मरीज रहे हलकान:
शुक्रवार को मरीजों को ओपीडी कार्ड तो बनाए गए लेकिन उन्हें प्राथमिक चिकित्सीय परामर्श पाने के लिए इधर से उधर भटकते देखा गया। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं थी। ओपीडी में अनुमानत: 5 से 6 हजार मरीजों को दबाव रहता है। पुराने मरीजों को ज्यादा दिक्कतें हुई जिन्हें डाक्टरी सलाह के बाद दवाएं लेनी थी। हालांकि अस्पताल प्रशासन का तर्क था कि हड़ताल का आंशिक ही असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ा।

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