ज्ञान प्रकाश के साथ भारत चौहान
नई दिल्ली नेशनल फार्मास्यूटीकल प्राइसींग अथोरीटी (एनपीपीए) ने सोमवार को एक बार फिर स्टेंट की कीमतों की समीक्षा की। जिसके बाद दिल की बीमारी में काम आने वाले स्टेंट की कीमतों को साढ़े सात प्रतिशत तक कम किया गया है। इसके साथ ही ट्रेड मुनाफे पर भी लगाम लगाते हुए उसे आठ प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया है। हालांकि उम्मीद की जा रही थी की विदेशी स्टेंट कंपनियों के दबाव मे सरकार कीमतों को बढ़ा सकती है।
एनपीपीए की हुई बैठक के बाद दवा में घुलने वाले स्टेंट (ड्रग एल्यूटेंट स्टेंट डीईएस) की कीमतों में एक बार फिर से करीब साढ़े सात प्रतिशत की कमी लाते हुए इसकी कीमत 27,890 रु पए तय कर दी गई है। पहले इसकी कीमत 30,180 तय थी। हलांकि ग्राहक को इस तय कीमत पर अलग से जीएसटी भी देना होगा। वहीं अब स्टेंट लगाने में काम आने वाले अन्य सामानों की बिलिंग अलग से की जाएगी। अब प्रचलन से बाहर हो रहे बेयर मेटल स्टेंट (बीएमएस) की कीमतों में मामूली सा इजाफा किया गया है। पहले इसकी कीमत 7400 होती थी जिसे बढ़ा कर 7660 रु पए कर दिया गया है। इसके बाद जो कंपनियां बाजार से अपना स्टेंट हटाना चाहती हैं उन्हें छह महीने पहले इसका नोटिस देना होगा। नई कीमतें 31 मार्च 2019 तक प्रभावी रहेंगी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डा. केके अग्रवाल ने कहा कि घटी कीमतों और घटाई जा सकती है। इसके लिए वह जल्द ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पत्र लिखेंगे।