ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, कोविड-19 संक्रमितों का अपना जीवन जोखिम में डालकर राउंड द क्लाक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे डाक्टर्स, फ्रंट वारियर्स को दिल्ली सरकार द्वारा दी जा रही पंचतारा होटल में क्वारंटीन की सुविधा को तत्काल प्रभाव से बंद करने संबंधी फरमान पर सरकारी डाक्टर व तृतीय, चतुर्थ श्रेणी कर्मियों के शीषर्स्थ संगठन कनफेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट एम्पलाइस एसोसिएशन के सचिव गुलाब रब्बानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस मामले हस्तक्षेप करने और सेवाएं बंद करने संबंधी आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। श्री रब्बानी ने साथ ही चेतावनी भी दी है कि यदि पंचतारा होटल्स में डाक्टरों, नर्सिग स्टाफ को क्वारंटीन की सुविधाएं बहाल नहीं की गई तो यह तय है दिल्ली के पैरामेडिक्स नर्सिग स्टाफ, डाक्टर्स ऐने आदेश का विरोध करते हुए स्वास्थ्य सेवाएं भी ठप करने पर विचार कर सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे गैर जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी को एक दिन पीपी सूट को पहनाकर पूरे दिन कोरोना के मरीज के साथ गिुजारने का आदेश दें। तब उन्हें पता चलेगा कि दिन भर बिना खाए पिए, रूटीन को अंजाम दिए विषम परिस्थितियों में ड्यूटी दी जाती है। बता दें कि गत दिवस यानी 21 मई को लोकनायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. सुरेश कुमार ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि क्वारंटीन में रह रहे विभिन्न होटलों को 22 मई को सुबह तक खाली कर दिया जाए। ऐसा न करने पर उन्हें अपना होटल के बिल का भुगतान स्वयं करना होगा। इस आदेश से डाक्टर बिरादरी में गहरा रोष व्याप्त है। उधर, फेडरेशन ऑफ डाक्टर्स एसोसिएशन, लोकनायक रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने भी सेवाएं बंद करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए पुन: बहाली की मांग की है।