ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली मोरारजी देसाई योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में आयोजित बहरापन निवारण कार्यशाला में वरिष्ठ ईएनटी सर्जन एवं योग विशेषज्ञ डा. महेन्द्र तनेजा ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण, विकृत जीवन शैली तथा मोबाइल फोन के उपयोग के कारण समाज में बहरापन बढ़ता जा रहा है, जो आज वरिष्ठ नागरिकों में 30 से 75 वर्ष की आयु वालों में 40 फीसद से अधिक का बहरापन के मामले दर्ज किए गए हैं। जिसके फलस्वरूप डिमैनशिया एवं एल्जाइमर्स रोग भी पनपता जा रहा है।
डा. तनेजा ने बताया कि योग में आसन, प्राणायाम तथा ध्यान के द्वारा लाभ पाया जा सकता है। प्राणायाम में उन्होनें बाह्य अभयन्तर विक्षेपी प्राणायाम को सबसे महत्वपूर्ण बताया है। इस प्राणायाम में ास प्रवास की गति तेजी से करते हुए, ांस को अधिकतम समय तक बाहर रोक कर रखा जाता है, जिसको वैज्ञानिक रूप से देखें तो कारबोजन थेरेपी की तरह कार्य करता है, जिसके द्वारा ब्रेन मस्तिष्क का खून का दौरा बढ़ जाता है। बाह्य भुम्मक के साथ हस्त पाद आसन करने से भी मस्तिष्क को लाभ होता है।
मोरार जी देशाई योग संस्थान के डा. ईर बासवारेड्डी ने बताया कि उपरोक्त सेमिनार क्लीनिक योगा षटकर्म थैरेपी कार्यशाला के अन्तर्गत किया गया है जिसमें प्रात: से ही सैंकड़ों लोगों ने योग सेमीनार तथा रोग परीक्षण एवं उपचार का लाभ उठाया। मोरारजी देसाई योग संस्थान वि का एक उच्चस्तरीय मानव संस्थान है जो लगभग 50 वर्ष से योग के क्षेत्र में सुविधा प्रदान कर रहा है।