शतप्रतिशत टीकाकरण मिशन इंद्रधनुष की तैयारियां पूर्ण, दो दिसम्बर से होगी शुरुआत -देश में फैली सात जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए है यह जीवनरक्षक अभियान

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भारत चौहान नई दिल्ली , इंद्रधनुष के सात रंगों की तरह देश में फैली सात जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाना है। जिसमें 0 से 02 वर्ष के बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा। इस बार यह अभियान 02 दिसंबर से शुरू होगा। जिसके चार चरण होंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में टीकाकरण (आरसीएच) के सलाहकार डा. प्रदीप हलदर ने शुक्रवार को बताया कि डिफ्थीरिया, बलगम, टिटनेस, पोलियो, तपेदिक, खसरा तथा हेपेटाइटिस-बी रोकने जैसे सात टीके आंशिक रूप से लगाए जाते हैं। इन सात बीमारियों को एक साथ टीकाकरण से कवर किया जाता है। इसलिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने इस अभियान का नाम मिशन इंद्रधनुष रखा। उन्होंने बताया कि यह मिशन इंद्रधनुष 2.0 केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उन ब्लॉकों में चलाया जा रहा है, जिन सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का टीकाकरण का स्तर 70 प्रतिशत से कम रहा है। यह अभियान दो दिसंबर से चार चरणों में होगा। प्रत्येक चरण में सात दिनों तक स्वास्थ्य कर्मी टीकाकरण करेंगे। दूसरा चरण छह जनवरी, तीसरा चरण तीन फरवरी और चौथा चरण दो मार्च को होगा। इसमें उन लाभार्थियों का टीकाकरण किया जाएगा जो समय से टीका नहीं लगवाते हैं।
लक्ष्य को पाने को तैयार है:
यहां एक होटल के सभागार में यूनिसेफ, वि स्वास्थ्य संगठन, यूएनडीपी एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से स्ट्रेंथिनिंग इंटेंसिफाइड मिशन इंद्रधनुष विषयक सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए परिवार कल्याण मंत्रालय में टीकाकरण मामलों के अतिरिक्त आयुक्त डा. एसके सिकदर ने कहा कि इस लक्ष्य को पूरा करने में हमने हर प्रकार की एहतियात बरती है। उन्होंने कहा कि तीव्र मिशन इंद्रधनुष के तहत 2 करोड़ 67 लाख शिशु और 3 करोड़ गर्भवती माताओं तक फैला हुआ है । स्थिर प्रगति के बावजूद देश में रूटीन टीकाकरण कवरेज धीमा रहा। वर्ष 2016 में करीब 38 फीसद वे बच्चे जिनका जिंदगी के पहले वर्ष में मूलभूत टीकाकरण से वंचित रह गए। वर्ष 2017 व वर्ष 2018 में 90 फीसद लक्ष्य को पुरा करने का प्रयास किया गया। इस मौके पर यूनिसेफ की प्रोटोकॉल भारत की अधिकारी सोनिया सरकार ने कहा कि देश के हर व्यक्ति का यह लक्ष्य होना चाहिए कि जन्म लेने वाले 0 से 5 साल की आयु में लगने वाले सभी 12 प्रकार के जीवनरक्षक टीकाकरण हो। किसी कारण यदि चूक वश कोई बच्चा इस लाभ से वंचित रह जाने की अवस्था में उसे वह जहां भी है वहीं के नजदीकी केंद्र में टीकाकरण कराने के लिए प्रेरित किया जाए। डब्ल्यूएचओ में टीकाकरण मामलों के सलाहकार डा. दानिश अहमद जागरुकता पर जोर दिया। चूंकि टीकाकरण मुफ्त में सभी सरकारी केंद्रों में उपलब्ध कराया जा रहा है।

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