ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पास बाहर खुले आसमान के नीचे रहने के लिए मजबूर मरीजों और तीमारदारों के लिए आश्रय गृह इस ठिठुरन भरी ठंड व सर्द हवाओं से बचाव के लिए जीवनदायनी बन गया है। एम्स- केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा वाटरप्रूफ दो टैंटों में स्थापित आश्रय में फिलहाल 100 बेड का प्रबंध किया गया है। जहां पर क्षमता से ज्यादा लोगों के आने की अवस्था में भी आसानी से प्रवेश दिया जा रहा है। खास यह है कि यहां पर रात बिताने के साथ ही दिन में आराम करने का व्यापक प्रबंध किया गया है। यह सुविधा इन डोर और आउटडोर ऐने मरीजों व उनके रिश्तेदारों के लिए है जिनका इलाज चल रहा है,सर्जरी हो गई है, ड्रेसिंग के लिए बुलाया गया है, वे दूर से आते हैं, हर दूसरे तीसरे दिन उन्हें डाक्टर से सलाह लेना होता है, ऐसे लोगों को आश्रय में ठहरने के लिए तरजीह दी जाती है।
दर्द, मर्ज के साथ ही सकून:
मंगलवार को सुबह 9 बजे एम्स जेपीएन परिसर में बने आश्रय गृह में 115 लोगों ठहरे थे। इनमें 60 फीसद मरीजों के रिश्तेदार थे जबकि 40 फीसद बिस्तरों पर ऐेसे मरीज थे जिनका यहां इलाज चल रहा है डाक्टर उन्हें सप्ताह में तीन दिन फालोअप के लिए बुलाते हैं। ट्रामा सेंटर में बने आश्रय गृह में रात गुजारने वाले राम मोहन (45) ने कहा कि उसकी पत्नी रामा देवी (44) को मल्टीपल फ्रैक्चर हुआ है, सिर में चोटे आई है, महीने भर पहले उसका यहां तीन चरणों में चार सर्जरियां संपन्न हुई है। मूलत: बुलंदशहर के रहने वाले मोहन ने कहा कि मर्ज तो गंभीर है, ठीक होने में वक्त लगेगा। लेकिन हम तहेदिल से सीआरपीएफ के जवानों को धन्यवाद करते हैं कि हमें यहां मुफ्त में ठहरने की अनुमति दी है। यहां घर जैसी ही हमें सुविधा मिल रही है। उनकी तरह ही यहां अन्य ठहरने वाले मरीजों व उनके रिश्तेदारों ने एम्स प्रशासन के साथ ही सीआरपीएफ प्रशासन के नेकदिली की सराहना की।
सार्थक सहयोग सर्वदा:
सीआरपीएफ के एएसआई एवं आश्रय गृह के देखरेख मामलों के प्रभारी राम अवतार ने कहा कि सीआरपीएफ वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा शुरू किए गए रैन बसेरे मे 125 मरीजों व तीमारदारों के रहने की सुविधा है। मरीजों और तीमारदारों के लिए कंबल और चाय की व्यवस्था की गई है। हम सार्थक सहयोग सर्वदा की थीम पर चलते हैं। हमारा नारा है कि संकट की घड़ियों में भी हम आप के साथ है। इसके अलावा सफदरजंग अस्पताल के पास एम्स के तीन विश्राम सदन हैं। इस तरह इन सभी जगहों पर कुल 1,025 मरीजों और तीमारदारों के रहने की सुविधा है। इससे मरीजों को सर्दी में बाहर सोने की जरूरत नहीं है।
दर्द, मर्ज के साथ सकून: एम्स जेपीएन, सफदरजंग अस्पताल के मरीजों और तीमारदारों का आसरा बन रहे रैन बसेरा
ठिठुरन भरी ठंड नो प्रोब्लम्, क्षमता है 100 लोगों की ठहरने की, जरूरत पड़ने पर ज्यादा लोगो के लिए रुकने भी हैं आप्सन