भारत चौहान नई दिल्ली ,दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण भागीदारी जन सहयोग समिति के संयुक्त तत्त्वावधान में प्राधिकरण परिसर के गोष्ठी हाल में “यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम” एवं क्रियान्वयन विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। उद्धाटन भाषण में दिल्ली राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सदस्य सचिव अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री कंवलजीत अरोड़ा ने प्राधिकरण की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि बच्चों के प्रति यौन अपराध एक विकृत बुद्धि की उत्पत्ति है। उन्होने प्रतिभागियों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराते हुए आह्नान किया कि अगर कोई ऐसा कोई अपराध उनके संज्ञान में आता है तो वह प्राधिकरण को बताए ताकि उचित कार्यवाही की जा सके। समिति के संरक्षण एवं अति. आयुक्त (श्रम) दिल्ली सरकार ने कहा कि यह दुखद विषय है कि बच्चों के प्रति यौन अपराध में अधिकाशतः उनके अति निकटतम परिजन ही होते हैं। भागीदारी जन सहयोग समिति के महासचिव विजय गौड़ ने अधिनियम को प्रभावी बनाने में आम नागरिकों की महत्त्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया तथा ऐसे जन अभियानों के प्रति समिति की कटिबद्धता का आश्वासन दिया। प्रतिभागियों ने विभिन्न प्रश्नों के द्वारा अधिनियम को समझने का सराहनीय प्रयास किया। समारोह अध्यक्ष प्राधिकरण के विशेष सचिव श्री गौतम मनन, अति. जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अधिनियम के प्रावधानों को विस्तृत रूप से बताया। उन्होने कहा कि ऐसे अपराधों की उपेक्षा नही की जानी चाहिए।
इस अवसर पर अनामिका रोहिल्ला द्वारा संपादित एवं संचय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक ”समकालीन साहित्य में शिक्षा की अवधारणा“ का विमोचन प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री कंवलजीत अरोड़ा ने किया। समिति की ओर से नई दिल्ली जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण को कानूनी जागरूकता के लिए सम्मानित किया। वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्माता रंजन कुमार सिंह ने पुस्तक को वैचारिक विमर्शो की श्रृंख्ला में सफल एवं प्रशंसनीय कदम बताया।