एम्स में ओपीडी रजिस्ट्रेशन के नियम बदले, पेशेंट फ्रेंडली योजना के मिले सकारात्मक परिणाम – बीते माह 5 अप्रैल से शुरू हुआ था पायलट प्रोजेक्ट, -15 मई से रजिस्ट्रेशन के बाद बार-बार पंजीकरण कराने से मिलेगी मुक्ति

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ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में राजकुमारी अमृतकौर ओपीडी (आरएके ओपीडी) में मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिए अब नियम बदल गये हैं। इसमें 2 अप्रैल से नियमों में बदलाव करने के लिए पायलट योजना चलाया गया था। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत सिर्फ दो विभागों में शामिल किया गया था। इसमें बाल रोग विभाग और मेडिसन विभाग की ओपीडी को शामिल किया गया। नई योजना के तहत एक बार पर्चा बनने के बाद बार-बार मरीज सीधे अपने विभाग जाएगा। उसे पीआरसी (मरीज पंजीकरण काउंटर) जाने की जरूरत नहीं रहती। इसके पहले मरीज को हर बार तारीख लेने के लिए यहां जाना होता था। जहां पर पहले लंबा इंतजार करना पड़ता था। महीने भर पहले प्रारंभ की गई इस योजना के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। इस दौरान करीब 12 हजार 234 मरीजों को राहत प्रदान की गई। अब स्थायी योजना सभी विभागों में 15 मई से प्रारंभ की जाएगी। लक्ष्य रखा गया है कि साल भर में इस सुविधा का लाभ 12 लाख 23 हजार से अधिक इनडोर और आउटडोर मरीजों को लाभ मिलेगा।
फूल प्रूफ तैयारी:
एम्स ओपीडी ट्रांसफॉर्ममेशन एंड कंप्यूटराइजेशन कमेटी के अध्यक्ष प्रोफेसर डा. निखिल टंडन के अनुसार बीते दो अप्रैल से यह व्यवस्था पायलट के रूप में शुरू की गई थी। जिसके लिए 14 मई तक का लक्ष्य रखा गया था। जिसके अब तक सकारात्मक परिणाम मिल हैं। बुधवार यानी 15 मई से यह व्यवस्था एम्स में पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी। आरएके ओपीडी में अब 50 फीसदी नये मरीजों को एडवांस अपॉइंटमेंट 30 दिन पहले मिल सकेगा। वहीं 50 फीसद ओपीडी अब नए मरीजों के लिए रहेगा, जिनमें 30 फीसद नए मरीज होंगे। इनमें 20 प्रतिशत रेफर मरीजों के लिए होगा।
मरीजों को लिमेगी सुविधाएं:
एम्स प्रशासन का तर्क है कि मरीजों को पहले ओपीडी कार्ड बनवाना पड़ता था, इसके बाद हर बार डाक्टर को दिखाने के लिए अलग से डेट और रजिस्ट्रेशन संख्या लेना पड़ता है। अब इन झंझटों से मुक्ति मिलेगी। एम्स कर्मचारी यूनियन के पूर्व उपाध्यक्ष वेद प्रकाश ने कहा कि यह योजना पेशेंट फ्रेंडली है।

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