महाअष्टमी पर श्रद्धालुओं का पंडालों में उमड़ा सैलाव -दुर्गामय हो रहे हैं पंडला, नवमी उत्सव आज – आज सुरों का जलवा बिखरेंगे कैलाश खेर

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , राजधानी में पंडालों में रविवार को महाष्टमी पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखा गया। चितरंजन पार्क में 8 से अधिक पूजा कमेटियों ने पंडाल लगाए है। जहां पर लोगों को पहुचंने के लिए लंबा पैदल चलना पड़ा। इस दौरान गंतव्य तक जाने के लिए लोगों को यातायात जाम से भी जूझना पड़ा। लेकिन लोगों में मां के दर्शन पाने का गजब का उत्साह दिखा। प्रात:काल से लोगों को विभिन्न पंडालों में आना प्रारंभ हुआ जो मध्य रात्रि तक जारी रहा। दिल्ली की लोकप्रिय दुर्गा पूजा में से एक सवरेजनिन दुर्गा पूजा समिति के 53वें मातृमंदिर सर्बोजनिन दुर्गा पूजा में महाअश्टमी पर आयोजित कार्यक्रम में ब्रताती बन्दोपाध्याय एवं दोहार बैंड की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया। यहां पर आये श्रद्धालुओ का दुर्गापूजा पंडाल में गुरु देव रविंद्र नाथ टैगोर के प्रतिमा के साथ सेल्फी लेने का क्रेज भी देखा गया।
समिति के मुख्य समन्वयक देवाशीष साहा ने बताया कि इस बार सफदरजंग एनकलेव के मातृमंदिर दुर्गापूजा पंडाल गुरु देव रविंद्र नाथ टैगोर के जन्मस्थल जोकासांको ठाकुरबाड़ी व गुरु देव के प्रिय शांतिनिकेतन के मॉडल के थीम पर सजाया गया है।
पंडालों में आज नवमी:
दुर्गापूजा पंडाल में सोमवार यानी नवमी पर 7 अक्टूबर को कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम नृत्य व अन्य प्रकार के अनुष्ठान का आयोजन किया जाएगा। कैलाश खेर नाइट आयोजित की जाएगी, जिसमें मशहूर गायक कैलाश खेर एवं उनके बैण्ड कैलाषा अपनी प्रस्तुति से लोगों को दीवाना बनाएंगे। इंद्राणी भट्टाचार्य और गीताश्री मोइत्रा ने कहा दुर्गा पूजा पंडाल में हमारा प्रयास जीवन के विभिन्न रूपों और विभिन्न मूड्स को दिखाने का होता है, जिसमें लंदन ओलंपिक्स, मध्यपूर्व की वास्तुकला के नगीने, पेरिस के ओपेरा हाउस और महिला सशक्तिकरण की झलक देखी जा सकती है। मातृ मंदिर के पंडाल को तरह-तरह की थीम और संस्कृति के अनुसार सजाया जाएगा। इससे यह पंडाल समृद्ध संस्कृति, विरासत और जीवंतता का एक शानदार उदाहरण पेश करेगा।
हर दिन संख्या बढ़ रही है श्रद्धालुओं की:
अमिता चक्रवर्ती ने कहा इस साल हमें सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर हर दिन 5 हजार या इससे अधिक श्रद्धालुओं के पंडाल में आने की उम्मीद है। पर्यावरण की सुरक्षा के लिहाज से हमने इस बार पंडाल में आने वाले भक्तों को भोग प्रसाद पत्तल से बनी प्लेट में देने का फैसला किया है। इस वर्ष हम सप्तमी, अष्टमी और नवमी पर भोग प्रसाद का अलग-अलग मेन्यू तैयार किया गया है। इस वर्ष कोलकाता के गोबिंदो भोग चावल और सोना मूंग दाल से बनी स्वादिष्ट खिचड़ी के साथ बेगिनी, लाबरा (मिक्सड वेज), पायेश, वेज चॉप, फ्राइड राइस, आलूगोभी, शाही पनीर, मिठाइयां और हलवा भोग प्रसाद के लिए तय किए व्यंजनों में शामिल हैं।
धुनुचि की रही धूम:
रविवार को अष्टमी पूजन के साथ ही सायं बेला में यानी सूर्यास्त होने के साथ ही संधि पूजा के साथ ही धुनुचि नृत्य महिलाएं प्रस्तुत किया। इस पाल का दीदार होने के लिए साल भर भक्तों को इंतजार रहता है। महिलाएं सोलह श्रृंगार करने के बाद हाथों में मां की धुएं निकलती हुई आरती को लेकर नृत्य करने में व्यस्थ दिखी। दिल्ली एडमिनिस्ट्रेशन पूजा कमेटी तिमारपुर में कमेटी के संरक्षक सजल मित्रा ने आरती पूजन के साथ ही उत्सव प्रारंभ कराया। सायंकाल बेला में अष्टमी पूजन विधि विधान से की गई। लकी ड्रा धमाका, वृक्षरोपण, अष्टमी पूजन आरती, संधि पूजा के साथ ही धुनुची नृत्य का आयोजन किया गया। इसी तरह मिंटो रोड पूजा समिति, कश्मरी गेट दुर्गा पूजा समिति, काली बाडी, डीआईजेडी एरिया, काली मांत मंदिर, ईस्ट ऑफ कैलाश, कालजी जी समते अन्य क्षेत्रों में उत्सव की धूम रही।

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