ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , मां की कोख में गर्भस्थ नवजात शिशुओं के पोषण एवं विकास के साथ ही मां की सेहत पर नजर रखने के उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से आईमम्ज एप की शुरूआत की गई है। आध्यात्मिक गुरु ब्रह्मकुमारीज सिस्टर शिवानी एवं आईमम्ज एप के संस्थापक रवि तेजा आकोण्डी ने संयुक्त रूप से किया। श्री आकोण्डी ने कहा कि आइमम्ज दो आईआईटी स्नातकों, ध्यान प्रशिक्षक और वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों की एक टीम ने तैयार किया है। उन्होंने कहा कि गर्भस्थ मां के साथ ही शिशु की सेहत संबंधी जानकारियां इस एप की मदद से सहजता से मिलेगी। यह तय है कि इस आधुनिक पहल से मातृ और नवजात मृत्यु दर को कम करने में मददगार होगी।
कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित समारोह में कें द्रीय परिवार कल्याण विभाग में मातृ स्वास्थ्य के उपायुक्त डा. दिनेश बसवाल, यूनाइटेड ग्लोबल हेल्थ के कार्डियक सर्जन डा. शिवकुमार भी मौजूद थे। डा. बसवाल ने कहा कि करीब 15 प्रतिशत गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान जीवन के लिए खतरा बन जाती हैं, जबकि 70 प्रतिशत से अधिक को हल्की से गंभीर एंग्जाइटी का सामना करना पड़ता है। छोटे परिवारों की आधुनिक जीवनशैली और व्यापकता महिलाओं की मन:स्थिति की उम्मीदों को काफी प्रभावित करती है। आईमम्ज का उद्देश्य माताओं की उम्मीद का एक निरंतर साथी बनकर और उन्हें मातृत्व स्वास्थ्य के लिए सही तरीके से कोचिंग देकर इसे बदलना है। डिजिटल प्लेटफॉर्म को देशभर के स्त्री रोग विशेषज्ञों का अपार समर्थन मिला है, जो सक्रिय रूप से अपने रोगियों को इसकी सलाह दे रहे हैं। आईमम्ज एप इस प्रक्रिया में भी मददगार होगा।