नोर्मोथर्मिक मशीन परफ्यूजन लिवर को अब 24 घंटे तक रखेगी जिंदा

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली, अब लिवर जैसे मानव अंगों को 24 घंटे से अधिक सुरक्षित रखना संभव हो गया है। यह कमाल ऑर्गनऑक्स और भारत में इसके विशिष्ट भागीदार, ड्यूरेंट लाइफसाइंसेस ने एक नई अत्याधुनिक लिवर प्रत्यारोपण तकनीक से कर दिखाया है। नोर्मोथर्मिंक मशीन परफ्यूजन (एनएमपी) नामक इस प्रक्रिया को ऑर्गनऑक्स ने विकसित किया है। ऑर्गनऑक्स कपंनी ऑक्सफोर्ड यूनिर्वसटिी की ओर से विकसित की गई कंपनी है। यह कंपनी कोल्ड प्रीजर्वेशन तकनीक से डोनर से अंग को निकाले जाने के 24 घंटे बाद तक अंग को जीवित रखेगी।
क्या है एनएमपी तकनीक :
एनएमपी तकनीक लिवर में ऑक्सीजनयुक्त रक्त और पोषक तत्वों को पंप करती है और बर्फ में लिवर के संरक्षण से जुड़ी ग्राफ्ट इंजुरी के खतरे पर काबू पाने में मदद करती है। भारत और एशिया में इस मशीन का पहली बार इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मशीन ब्रेन डेड डोनर की दान किए गए लिवर को लंबे समय तक जीवित और सुरक्षित रखने में सक्षम है। इस तकनीक से विशेषज्ञ लिवर प्रत्यारोपण करने से पहले ही मशीन पर इसकी जांच कर लेंगे और यह पता लगा लेंगे कि डोनेटेड लिवर प्रत्यारोपण से पहले मशीन पर कितना बेहतर काम करेगा। इससे प्रत्यारोपण में सफलता की संभावनाएं बढ़ जाएगी।
लिवर ट्रांसपोर्ट में सुविधा:
इस अवसर पर मेदांता इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर ट्रांसप्लांटेशन के अध्यक्ष और मुख्य सर्जन तथा ऑर्गनऑक्स (ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन) के वैज्ञानिक सलाहकार डा. एएस सोइन ने एनएमपी तकनीक पिछले 20 वर्षो में अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण प्रगति है। इस तकनीक के जरिये लिवर को एक से दूसरे स्थान पर ले ‘ जाना आसान साबित होगा। साथ ही प्रत्यारोपण से पूर्व अगर अंगों की गुणवत्ता जरा भी प्रभावित पाई गई तो अंग को प्रत्यारोपण की प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तकनीक के जरिये लिवर को पुर्नजीवित करना भी संभव है। देश में इस तकनीक की उपलब्धता के कारण अब पहले के मुकाबले प्रत्यारोपण की दर 30 प्रतिशत अधिक बढ़ जाएगी।

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