अर्शदीप कौर नयी दिल्ली
सरकार दो से तीन महीने के भीतर हेलिकॉप्टर कंपनी पवनहंस में अपनी हिस्सेदारी को बेचने के लिए नयी निविदा ला सकती है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार कंपनी में अपनी पूरी 51ञ् हिस्सेदारी को बेचने का एक असफल प्रयास कर चुकी है क्योंकि उसे इसका कोई लिवाल नहीं मिला।
पिछले साल सरकार ने इस संबंध में एक वैिक निविदा निकाली थी जिसमें वह कंपनी में अपनी पूरी हिस्सेदारी और प्रबंधन नियंतण्रसब बेचना चाहती थी।
पवनहंस नागर विमानन मंत्रालय और तेल खनन कंपनी ओएनजीसी के बीच 51:49 प्रतिशत की हिस्सेदारी वाला संयुक्त उपवम है।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज मीडिया से बातचीत में कहा, ‘‘बोली की प्रविया के दौरान प्रभावी तौर पर केवल एक ही बोली मिली है। मेरा मतलब है कि नियमों के आधार पर केवल एक ही कंपनी पात्र निकली जो प्रभावी तौर पर एकल निविदा हुई।’’
जब उनसे प्रश्न पूछा गया कि क्या सरकार नयी निविदा जारी करेगी तो राजू ने कहा,‘‘एकल बोली के हिसाब से सौदा करना सही नहीं होगा। इसलिए हम विचार कर रहे हैं कि इस पर कैसे आगे बढा जाए। सभी विकल्प खुले रखे गए हैं।’’
नागर विमानन मंत्रालय के एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब नयी निविदा निकालना ही एकमात्र रास्ता बचा है और नियमानुसार एकल बोली के आधार पर विनिवेश नहीं किया जा सकता है। सरकार अगले ‘दो-तीन महीने’ में नयी निविदा निकालने पर विचार कर रही है।