निरंकारी माता सविंदर हरदेव को श्रद्धालुओं के अपार समूह ने दी गई भावभीनी विदाई -अंतिम संस्कार किया गया निगम बोध घाट पर

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भारत चौहान नई दिल्ली निरंकारी माता सविंदर हरदेव महाराज को बुधवार को यहां श्रद्धालुओं के अपार समूह ने अत्यंत भक्ति भाव से विदाई दी गई। उनकी अंतिम यात्रा सुबह करी 9.30 बजे बुराड़ी रोड स्थित ग्राउंड नं.8 से प्रारंभ हुई और अपराह्न करीब 1 बजे निगम बोध घाट पर पहुंची।
अंतिम यात्रा ने वास्तव में एक शोभा यात्रा का ही रूप धारण कर लिया। उनके पार्थिव शरीर को फूलों से सुसज्जित एक खुले वाहन पर रखा गया जिस पर सद्गुरु माता सुदीक्षा तथा उनकी दोनों बहने एवं गुरु परिवार के अन्य सदस्य साथ रहे। इससे पहले सद्गुरु माता सुदीक्षा तथा माता सविंदर हरदेव की दो अन्य सुपुत्रियों ने शाल भेंट करके अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। समस्त साध संगत की ओर से संत निरंकारी मंडल के अध्यक्ष गोबिन्द सिंह तथा अन्य प्रबंधक तथा प्रचारक महापुरुषों ने भी शाल तथा फूलों के गुलदस्ते भेंट करके अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इनमें बहुत से महापुरूष दूर-देशों से आए थे।
लगभग 10 किलोमीटर लम्बी इस यात्रा में संत निरंकारी मिशन की परंपराओं के अनुसार सबसे आगे भारत तथा दूरदेशों के सेवादल सदस्य और उनके पीछे देश तथा दूर देशों से आये हुए प्रबंधक तथा प्रचारक भक्त सफेद दुपट्टा पहन कर चल रहे थे। रास्ते में सड़कों के दोनों किनारों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने खड़े होकर माता सविंदर हरदेव महाराज को स्नेहपूर्वक विदाई दी। अंतिम संस्कार की औपचारिकता सद्गुरु माता सुदीक्षा जी तथा गुरु परिवार के अन्य सदस्यों की उपस्थिति में माता जी की बड़ी सुपुत्री समता के बेटे हार्दिक ने निभाई। माता सविंदर हरदेव जी महाराज लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे परंतु उन्होंने इसे मिशन की गतिविधियों में बाधा का कारण बनने नहीं दिया। निगम बोध घाट पर कें द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पर्यावरण मंत्री हषर्वर्धन ने भी अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
सनद् रहे:
उन्होंने दो वर्ष से भी अधिक संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक सद्गुरु के रूप में मार्गदर्शन किया और 16 जुलाई, 2018 को अपनी सबसे छोटी सुपुत्री सुदीक्षा को मिशन की बागडोर सौंप दी। औपचारिक समारोह 17 जुलाई, 2018 को सम्पन्न हुआ जिसमें देश तथा दूर देशों से आये लाखों श्रद्धालु भक्तों ने भाग लिया। इसके पश्चात् माता जी का स्वास्थ्य और कमजोर होता गया और वे 5 अगस्त, 2018 को लगभग सायं 5.15 बजे नर शरीर त्याग कर ब्रrालीन हो गये। उसी शाम से उनके शरीर को ग्राउंड नं. 8 में अंतिम दर्शनों के लिये रखा गया और यह कार्यक्रम आज सुबह तक चलता रहा। अनुमान है कि दिन-रात दर्शन करने वालों की संख्या पांच लाख से भी अधिक रही।

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