ज्ञान प्रकाश नयी दिल्ली, राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि वह गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में लोनी नगर परिषद द्वारा अवैध रूप से कूड़ा डालने के खिलाफ उपचारात्मक कदम उठाए। न्यायालय ने इस आदेश पर अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी है। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने इस संबंध में उत्तर प्रदेश शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश जारी किया। पीठ ने कहा कि पर्यावरण और जन स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए, ये अनिवार्य हो जाता है कि उत्तर प्रदेश के शहरी विभाग के प्रधान सचिव इस मामले को देखें, उपचारात्मक कदम उठाएं और एक महीने के भीतर ई-मेल के जरिए इस अधिकरण को अनुपालन रिपोर्ट भेजें। पीठ ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंतण्रबोर्ड (यूपीपीसीबी) की रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद यह आदेश दिया। रिपोर्ट के मुताबिक ये पाया गया है कि लोनी नगर पालिका ठोस कचरा प्रबंधन के नियम, 2016 का पालन नहीं कर रही है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रही है। यूपीपीसीबी ने नगर पालिका पर कचरा का अंबार लगाने के लिए 50,000 रुपये और खुले डंपर में कचरा ले जाने के लिए 5,000 का पर्यावरण क्षतिपूर्ति जुर्माना लगाने की सिफारिश की। यूपीपीसीबी ने एनजीटी को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह पहले ही गाजियाबाद के जिलाधिकारी को पर्यावरण क्षतिपूर्ति शुल्क लगाने के लिए नोटिस भेज चुका है।
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