इलाज में लापरवाही: पैनल पर होने के बाद भी चार लाख रु पये का बिल भी थमाया -नस से रक्तस्रव होता रहा, डाक्टरों ने शुरू नहीं कि या इलाज

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , पश्चिमी विहार स्थित एक्शन बाला जी अस्पताल में कथित लापरवाही के मामले में जांच शुरू कर दी गई है। दिल्ली मेडिकल काउंसिल की पहल अगले सप्ताह आरोपों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया जाएगा। जिसमें मामले की जांच की जाएगी।
क्या है घटना:
गत दिवस मंगलवार को अस्पताल के डॉक्टरों पर दिल्ली नगर निगम के ड्राईवर ने गलत उपचार करने के आरोप लगाते हुए हंगामा किया था पुलिस में शिकायत के साथ ही डीएमसी में भी मामला पहुंच गया। आरोपी रविंद्र सिंह, नरेला के रहने वाले हैं। वह उत्तरी दिल्ली नगर निगम में अधिकारी राजेंद्र कौशिक कार चालक पद पर तैनात है। आरोप है कि 75 वर्षीय उनकी मां सरजो देवी को पित्त की थैली का ऑपरेशन कराने के लिए 23 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया था। निगम के पैनल पर होने के कारण उन्हें अपनी मां को अस्पताल में दाखिला कराना आसान हुआ, लेकि न ऑपरेशन के बाद उनकी मां को डॉक्टरों ने एक नली के सहारे छोड़ दिया, जिसमें से रक्त बह रहा था। डॉक्टरों ने पहले इसे सामान्य बताया और घर भेज दिया, लेकिन बाद में हालात बिगड.ने पर 28 मार्च को अस्पताल बुलाया और फिर से दाखिल किया। डॉक्टरों ने मरीज को पहले दिन कोई उपचार नहीं किया, लेकिन बाद में काफी हंगामे के बाद दोबारा ऑपरेशन करने का फैसला लिया। इसके बाद 4 लाख रु पये का बिल थमा दिया। रविंद्र का आरोप है कि मंगलवार देर शाम तक भी उनकी मां की स्थिति नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण उनकी मां के पेट में संक्रमण फैल गया है। रविंद्र का कहना है कि बार बार बोलने के बाद भी अस्पताल की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसी के चलते उन्होंने दिल्ली पुलिस से मदद मांगी थी। उधर अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस घटना को लेकर अस्पताल के सीएमओ डा. रोहित कुमार ने कहा कि मरीज को यहां गंभीर हालत में लाया गया था, उसकी हालत गंभीर थी, हम बेहतर चिकित्सीय सेवाएं दे रहे हैं। उसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।

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