ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामीनेशन्स (एनबीई) के दीक्षांत समारोह 2018 में देशभर से 20 हजार से अधिक युवा डाक्टरों को पोस्टग्रेजुएट एवं पोस्ट-डाक्टरल डिग्रियां प्रदान करने जा रहा है जिनमें से 306 चिकित्सकों को 21 सितम्बर को विज्ञान भवन में आयोजित दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू की उपस्थिति में स्वर्ण पदक और डिग्रियां प्रदान की जाएंगी। स्पेशिलिस्ट की कुल संख्या में इतनी बड़ी बढ़ोतरी के फलस्वरूप देश में स्पेशिलिस्ट चिकित्सा सेवाओं के अधिक सशक्त होने और साथ ही अधिक प्रभावी होने की संभावना को बल मिलेगा।
एनबीई के कार्यकारी निदेशक डा. रश्मीकांत दवे, अध्यक्ष डा. निखिल टंडन, उपाध्यक्ष डा. डीके शर्मा, अतिरिक्त निदेशक डा. अनुराग अग्रवाल एवं डा. सतीश अग्रवाल ने संयुक्त रूप से यह जानकारी दी। साउथ एक्सटेंशन के अंसारी नगर स्थित एनबीई मुख्यालय में मंगलवार को संवाद्दाताओं को एनबीई बोर्ड के अध्यक्ष एवं एम्स में एंडोक्रोनालॉजी यूनिट के प्रमुख डा. निखिल टंडन ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अिनी चौबे और अनुप्रिया पटेल विशिष्ट अतिथि रहेंगे। दीक्षांत समारोह में देश के विभिन्न राज्यों से 31 डाक्टरों को आयुर्विज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में सम्मानित किया जाएगा और कुल 306 डीएनबी छात्रों को स्वर्ण पदकों से नवाजा जाएगा। ये स्वर्ण पदक विभिन्न चिकित्सा विज्ञान शाखाओं में देश में प्रथम स्थान पाने वाले छात्रों को दिए जाएंगे। एनबीई दीक्षांत समारोह में कुल 1300 गणमान्य चिकित्सकों और छात्रों और उनके परिजनों के आने की संभावना है। अन्य को एनबीई मुख्यालय डिग्रियां व्यक्तिगत रूप से जारी करेगा। एम्स के एमएस एवं एनबीई के उपाध्यक्ष डा. डीके शर्मा ने कहा कि एनबीई की स्थापना वर्ष 1982 में संसद के विशेष अधिनियम में की गई थी, तब से संभवत: ऐसा पहला मौका है कि जब एक साथ एक मंच पर इतनी ज्यादा संख्या में दक्ष डाक्टरों को स्पेसिशलिस्ट डिग्रियां प्रदान की जाएंगी।