मेरा और जेटली जी का सम्बन्ध 48 वर्षो का था- विजय गोयल वे सहपाठी, सहयोगी, सहायक, सखा, शुभचिन्तक, और सहकर्मी थे इमरजेंसी में हम जेल भी गए, हमारे बीच पत्र के माध्यम से सम्पर्क बना रहता था

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भारत चौहान नई दिल्ली , सांसद और पूर्व अध्यक्ष भाजपा दिल्ली विजय गोयल ने जेटली जी के निधन पर अपना शोक व्यक्त करते हुए कहा मेरा और जेटली जी का सम्बन्ध 48 वर्षों का था। 1971 में पहली बार मैं श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स में जेटली जी के संपर्क में आया था और वो मेरे सीनियर थे। कॉलेज की यूनियन में एक साथ वो प्रेजिडेंट और मैं जॉइंट सेक्रेटरी बने। हमारा साथ विद्यार्थी परिषद् छात्र राजनीती से एक साथ प्रारम्भ हुआ, तब से लगातार चल रहा था।

कॉलेज के दिनों में हम लोग दूसरे कॉलेजो में डिबेट के लिए जाते थे। छात्र संघ के आंदोलनों और जय प्रकाश नारायण के आंदोलनों में भी एक साथ हमने भाग लिया I जब जनता पार्टी बनी तब उनको कार्यकारणी में रखा गया था, पर विद्यार्थी परषिद के दबाव में उन्होंने त्याग पत्र दे दिया I वह खाने-पीने के शौकीन थे I उनको परांठे बहुत पसंद थे I चांदनी चौक की जब हमारी हवेली में वह आते थे तो परांठो की ही मांग करते थे I

इमरजेंसी में सबसे पहला जुलूस हमने अरुण जेटली की लीडरशिप में निकाला था I जिसमें वह बाद में गिरफ्तार हो कर जेल चले गए और पूरे 19 महीने जेल में रहे I मैं और रजत शर्मा बाद में सत्याग्रह कर जेल गए I

अरुण जेटली एक अच्छे अंग्रेजी और हिंदी के वक्ता थे I देश के प्रसिद्ध वकीलों में उनकी गिनती होती थी I संगठन और सरकार दोनों में वह लगातार युवाओं का मार्गदर्शन करते थे I सरकार में उन्होंने वित्त और रक्षा समेत कई मंत्रालय की बखूबी जिम्मेदारी संभाली। मोदी सरकार में नोटेबंदी, जी.एस.टी., एफडीआई उदारीकरण, मैक्रो स्टेबलाइजेशन, बैंक एकीकरण (Bank Consolidation), दिवालियापन और दिवाला (Insolvency and bankruptcy code) में उनका विशेष सहयोग थाI

दूसरी पार्टी के नेताओं के साथ भी उनके अच्छे संबंध रहे I मुझे याद है कॉलेज के दिनों में वह मसूरी-शिमला भी घूमने जाया करते थे I सवेरे पहले हम लोधी गार्डन में सैर करते थे और सैर के बाद चाय पीते हुए वार्तालाप होता था I वहां एक जगह जेटली कार्नर के नाम से प्रसिद्ध हो गयी थी I

अरुण जेटली के जाने से मैंने मित्र साथी और मार्गदर्शक खोया है। उनके रिक्तस्थान को भरना बहुत मुश्किल है I

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