ज्ञान प्रकाश ,कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने पड़ोसी देश नेपाल में 100 रुपये से अधिक मूल्य की भारतीय मुद्रा पर प्रतिबंध के लिए सोमवार को राजग सरकार के ’अहंकार’ को जिम्मेदार ठहराया और मांग की कि इस मुद्दे के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाये जाएं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अहमद ने कहा कि इससे भारत-नेपाल सीमा पर रहने वाले लोगों को बड़ी असुविधा हो रही है। उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्र की वर्तमान सरकार की अपरिपक्वता और राजनयिक मामलों की खराब समझ के कारण पड़ोसी देश नेपाल के साथ हमारे संबंधों में तनाव आया है। इसकी शुरूआत जनकपुर की यात्रा के दौरान (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी द्वारा मधेशी लोगों को संबोधित करने से हुई।’’ मधेशी भारतीय मूल के नेपाली नागरिक हैं। उन्होंने कहा,‘‘विदेश मंत्री ने यह कहकर नेपाल के लोगों को अप्रसन्न किया कि मोदी ने नेपाल में रह रहे भारतीयों को संबोधित किया। ऐतिहासिक रूप से नेपाल कभी भी भारत का हिस्सा नहीं रहा है। परंपराओं के मामले में मधेशी हमारे जैसे हो सकते हैं लेकिन फिर भी वे नेपाली नागरिक हैं।’’ उन्होंने दावा किया कि पड़ोसी देश में विरोध प्रदर्शन हुए लेकिन मोदी सरकार ने अपने ‘अहंकार‘ के चलते इसपर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि इससे अब ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो गयी है कि नेपाल में उच्च मूल्य की भारतीय मुद्रा में लेनदेन की अनुमति नहीं है। भूटान के अलावा नेपाल ऐसा दूसरा देश है, जहां भारतीय मुद्रा चलन में है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि इसके कारण भारत-नेपाल सीमा पर रह रहे लाखों लोगों को बड़ी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। नेपाल का जनकपुर एक प्रसिद्धंिहदू तीर्थ है और जिसे माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है। मोदी ने इसी साल मई महीने में वहां की यात्रा की थी।