स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 राज्यों में राष्ट्रीय कृमिहरण दिवस के दसवें दौर की फूल प्रूफ तैयारी -दिल्ली के 11 जिलों में 45 लाख बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य

इस दिवस का आयोजन का उद्देश्य पेट में कीड़े होने की स्थिति में कमी लाना -अगले कुछ सप्ताहों में यह दिवस 34 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में होगा आयोजन -अनुमानित 30 करोड़ बच्चों और किशोरों को पेट के कीड़ों से मुक्त करने की है तैयारी

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सोमवार को 19 राज्यों में राष्ट्रीय कृमिहरण दिवस के दसवें दौर का आयोजन किया। इससे पहले 17 फरवरी को हर वर्ष आयोजित होने वाले इस दिवस की सभी तैयारियों की फूल प्रूफ समीक्षा की गई। जिसमें विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने शिरकत किया। कृमिहरण अभियान के अंतर्गत सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, निजी और अन्य शैच्छिक संस्थानों में 1 से 19 वर्ष के बच्चों और किशोरों को एलबेन्डाजोल(400 मिग्रा) की दवा दी जाती है। सोमवार को निर्माण भवन में आहूत बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्ष वर्धन ने किया। स्वास्थ्य मंत्री दिनभर संबधित अधिकारियों से संपर्क में रह कर नियमित अंतराल पर जानकारी लेते रहे। दिल्ली के सभी 11 जिलों में राष्ट्रीय कृमिहरण दिवस पर 45 लाख बच्चों तक पहुंचे।
जरूरी क्यों:
इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य पेट के कीड़ों के होने की स्थिति में कमी लाना है। इसे आम भाषा में पैरासिटिक इनटेसटीनल कीड़े कहा जाता है और ये बच्चों तथा किशोरों में होते हैं। इन कीड़ों के संक्रमण से विभर में 50 लाख से अधिक बच्चे डिसेबिलिटी एडजस्टड ईर्यस (डीएएलवाई) से प्रभावित होते हैं। एक डीएएलवाई से जीवन में से एक स्वस्थ वर्ष कम हो सकता है। भारत में 14 वर्ष तक की आयु के 22 करोड़ बच्चों को इस संक्रमण का जोखिम है। राष्ट्रीय कृमिहरण दिवस सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का सबसे बड़ा आयोजन है जिसके अंतर्गत एक दिन में प्रतिवर्ष दो चरणों में करोड़ो बच्चों और किशोरों तक पहुंचा जाता है। आज 19 राज्यों से 9.35 करोड़ लक्षित बच्चों तक पहुंचने को कहा गया था। अगले कुछ सप्ताहों में 34 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय कृमि हरण दिवस पर अनुमानित 30 करोड़ बच्चों तक पहुंचकर दवा दी जाएगी।
अन्य मंत्रालय भी करेगा सहयोग:
इस दिवस का आयोजन महिला और बाल विकास मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सहयोग से किया जाता है। राष्ट्रीय कृमिहरण दिवस एनीमिया मुक्त भारत का भी एक प्रमुख प्रयास है। इसकी सफलता और प्रभाव स्वच्छ भारत मिशन के प्रयासों के साथ भी जुड़ा है। इस दिवस के अंतर्गत पोषण अभियान के प्रयासों के अनुसार स्वास्थ्य और पोषक तत्वों पर नीतिगत संवाद के अवसर भी मिलते हैं। इस दिवस का आयोजन वि स्वास्थ्य संगठन और एवीडेंस एक्शन की तकनीकी सहायता से किया जाता है।

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