भारत चौहान नई दिल्ली
यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट (हिन्दू संगठनों का समूह) ने जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिला में हिंसक पत्थरबाजों पर सेना द्वारा कथित रूप से गोली चलाए जाने के अरोप में एक मेजर सहित सेना पर धारा 302 व 307 के अधीन एफआईआर करने के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर विशाल प्रदर्शन किया। इस अवसर पर राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को ज्ञापन भी भेंट किया गया जिसमें महबूबा मुफ्ती सरकार को अविलम्ब बर्खास्त करने की मांग की गई है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव एवं राष्ट्रवादी शिवसेना के प्रमुख जय भगवान गोयल ने कहा कि जिन सैनिकों को वीरता का पुरस्कार मिलना चाहिए था उनके विरूद्ध मुकद्दमे दर्ज करके महबूबा सरकार ने मुस्लिम तुष्टिकरण की सारी सीमायें पार कर दी हैं।
गोयल ने कहा कि हिंसक पत्थरबाजों की भीड़ सेना के काफिले को घेर कर उन पर न केवल पत्थर बरसा रही थी अपितु पत्थरों से घायल एक जूनियर सेना अधिकारी को मौत के घाट उतारने पर उतारू थी। हिंसक भीड़ सेना के वाहनों को आग लगाने की कुचेष्टा भी कर रही थी। सैनिकों ने हवा में गोलियां चलाकर पहले भीड़ को तितर बितर करने का प्रयास किया था लेकिन भीड़ टस से मस नहीं हुई अतः सैनिकों को आत्मरक्षा के लिए गोली चलानी पड़ी जिससे दो पत्थर बाज मारे गए। राज्य सरकार ने सेना का पक्ष सुने बिना सेना पर हत्या और हत्या का प्रयास करने के मुकद्दमें दायर कर दिए। इससे स्पष्ट है कि पत्थरबाज और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले जीत गए हैं और हिंदुस्थानके वीर सैनिक हार गए हैं। यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट इसे सहन नहीं करेगा।
गोयल ने जोरदार मांग करते हुए कहा कि महबूबा मुफ्ती सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए। सैनिकों पर एफआईआर तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए क्योंकि सैनिकों का मनोबल गिराने का काम करने वाली सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।
प्रदर्शन में शामिल पदाधिकारियों में सर्वश्री चैधरी ईश्वर सिंह, धर्मेंद्र बेदी,जय प्रकाश बघेल, संजीव राठौर, मुकेश जैन, विष्णु गर्ग, विनोद गुप्ता, विनोद नहाल, प्रेमपाल बघेल, बजरंग बहादुर, गंगा राम सैनी, पूरन सिंह, हीरा लाल, राजकुमार सिंह तोमर, किशन कुमार, गंगा प्रसाद, रूप नारायण, विकास, आजाद सिंघल, ओमपाल सिंघल, बृजमोहन, समय पाल, अनुरूध दुगल, श्रीमति सरोज शर्मा,श्रीमति सुमन शर्मा आदि अपने कार्यकर्ताओं सहित सम्मिलित हुए और एक स्वर में महबूबा मुफ्ती सरकार को बर्खास्त करने की मांग दोहराई।