लालकिला मैदान में महाशिवरात्रि आध्यात्मिक सम्मेलन संपन्न

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , देश में राजनीति के समक्ष विसनीयता का संकट पैदा होने के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेताओं की करनी और कथनी में अंतर को जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस पर काबू पाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजनीति शब्द का अर्थ खो गया है। उन्होंने लोगों से राजनीति में विसनीयता के संकट को समाप्त करने की चुनौती स्वीकार करने का आह्वान किया।
प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विविद्यालय की ओर से शुक्रवार को लालकिला मैदान में आयोजित महाशिवरात्रि आध्यात्मिक समारोह में शिवभक्तों के जनसमूह को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने कहा कि राजनीति एक ऐसी पण्राली है जो समाज को सही रास्ते पर ले जाती है। लेकिन, वर्तमान में इसका अर्थ और महत्व खो गया है और लोग इससे नफरत करते हैं। उन्होंने दावा किया कि राजनीति में विसनीयता का संकट नेताओं के शब्दों और उनके कायरे में अंतर से उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा हम क्यों नहीं इसे चुनौती के रूप में ले सकते ताकि राजनीति के इस संकट को समाप्त किया जा सके। सिंह ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश भारत से आया और यह हमारी संस्कृति की एक अतुल्यनीय विशेषता है जिसमें देश की सीमाओं से दूर रहने वाले लोगों सहित सभी को एक परिवार माना जाता है। उन्होंने कहा यह संदेश भारत से पूरी दुनिया में फैला। केवल बड़े दिल वाले ही इसकी परिकल्पना कर सकते हैं। संकीर्ण सोच वाले लोग इसके बारे में सोच भी नहीं सकते। केंद्रीय रक्षा मंत्री ने भगवान शिव को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का प्रतीक बताया और कहा कि देश के सभी कोनों में भगवान के मंदिरों ने अखंड भारत की तस्वीर को पूरा किया। उन्होंने भगवान शिव को अनेकता में एकता की अवधारणा के साथ भी जोड़ा जो भारत की विशेषता है। सिंह ने विभिन्न राज्यों में भाषाई विवादों की ओर इशारा करते हुए लोगों से अपील की कि वे सामाजिक एकरूपता को बढ़ावा देने के लिए अपनी मातृभाषा के अलावा कम से कम एक भाषा और सीखें। उन्होंने ब्रrाकुमारियों से आग्रह किया कि वे लोगों को जाति और धर्म की संकीर्णता से ऊपर उठने में मदद करें। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया की कोई भी ताकत देश को वि में शीर्ष पर पहुंचने से नहीं रोक पाएगी। उन्होंने इस मौके पर ब्रह्मकुमारीज बहनों द्वारा तैयार शिव ध्वज को भी फहराया। उन्होंने कहा कि योग की दुनिया में ब्रहमाकुमारी बहनें भारत में एक मिसाल हैं। वह न के वल सच्ची योगी हैं बल्कि पूरी दुनिया में शांति व एकता की अलख जगा रही हैं। उन्होंने ब्रहमाकुमारी बहनों से राजनीति से उठ रहे लोगों के विास को वापस लाने में मदद की अपील की।

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