ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली
लंबे समय से रखा गया खूनआघात के शिकार और ऐसे घायल व्यक्ति के लिए नुकसानदायक हो सकता है, जिसके शरीर से भारी मात्रा में खून बह चुका हो। वैज्ञानिकों के एक समूह ने इसकी जानकारी दी, जिसमें एक भारतीय मूल के वैज्ञानिक भी हैं।
गंभीर रूप से घायल मरीज, जिनके शरीर से भारी मात्रा में खून बह चुका है, उनके लिए लंबे समयसे रखे हुए पुराने खून का इस्तेमाल रक्त संचार में शिथिलता लाने के साथ ही गंभीर रूप से प्रभावित अंगों में सूजन बढाने के साथ फेफडों के संवमण को भी बढा सकता है।
शोधकर्ताओं ने मरीजों के शरीर में पुराने संग्रहित लाल रक्त की कोशिकाओं के संचरण और बाद के बैक्टीरियल निमोनिया के बीचसंबंध पाया है।
अध्ययन के मुताबिक, ताजा खून की तुलना में, संग्रहित खून को इस्तेमाल में लाने से बैक्टीरिया की वजह से होने वाले फेफडों के संवमण में काफी वृद्धि देखी गई है और फेफडों में अत्यधिक मात्रा में तरल पदार्थ जमा होने के साथ ही उसमें जीवाणुओं की संख्या भी काफी बढ जाती है।
यह अध्ययन एक स्वास्थ्य पत्रिका पीएलओएस मेडिसीन में प्रकाशितहुआ ।