केजरीवाल सरकार के पास कोई खेलनीति नहीं है-आदेश गुप्ता

अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिव्या काकरान द्वारा दिल्ली के लिए 8 भारत केसरी और 17 गोल्ड मेडल जीतने के बाद भी केजरीवाल ने उन्हें नहीं दी कोई सहायता-आदेश गुप्ता

0
435

भारत चौहान नई दिल्ली,भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने केजरीवाल की दोहरी नीति का पोल खोलते हुए कहा कि एक तरफ करोड़ों रुपये का पोस्टर लगाकर केजरीवाल खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाने का झूठा ढोंग करते हैं और दूसरी तरफ वे खिलाड़ियों को मूलभूत जरुरतों को भी पूरा करने का काम नहीं करते। श्री गुप्ता ने प्रेसवार्ता द्वारा कॉमन वेल्थ गेम में देश के लिए कांस्य पदक जीतने वाली अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिव्या काकरान द्वारा केजरीवाल पर लगाए गए आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली में बीस साल से रहने के बावजूद आज केजरीवाल के विधायक दिव्या काकरान से पूछ रहे हैं कि आप दिल्ली से खेलने का अपना सर्टिफिकेट दिखाइए।

आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल की यह पुरानी नीति रही हैं कि वह हर बात का सर्टिफिकेट मांगते रहते हैं, लेकिन दिव्या काकरान ने सर्टिफिकेट सार्वजनिक कर केजरीवाल सरकार पर जोरदार तमाचा मारा है। दिल्ली के लिए 8 भारत केसरी और 17 गोल्ड सहित कुल 80 पदक जीतने वाली दिव्या आज देश की महिलाओं के लिए एक मिशाल हैं लेकिन केजरीवाल सरकार द्वारा एशियन गेम में मिलने वाली उनके इनाम की राशि जो सिर्फ 2 से 2.5 लाख रुपये होती है और जिसपर उनका हक है, उसे भी अभी तक न देकर अपनी दोहरी मानसिकता दिखा दिया है। केजरीवाल के पास कोई खेलनीति नहीं है।

गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल ने खेल विश्वविद्यालय बनाने का भी झूठा प्रचार किया और बोर्ड लगाकर उसका कुलपति भी नियुक्त कर दिया। जबकि हकीकत यह है कि ना ही दिल्ली में कोई खेल विश्वविद्यालय है और ना ही कोई सुविधा हैं। आज दिल्ली के खिलाड़ी सरकार से सुविधा न मिलने के कारण दूसरे राज्यों से खेलने को मजबूर हैं। यही कारण है कि जब अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी दिव्या काकरान सालों से गुहार लगाने के बाद भी उन्हें दिल्ली में कोई सुविधा नहीं मिली तो उन्हें उत्तर प्रदेश से खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा। एक तरफ हरियाणा और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देती हैं जबकि दूसरी तरफ केजरीवाल झूठी घोषणाएं करके खिलाड़ियों को हतोस्हित करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here