इरफान खान को हुआ न्यूरोइंडोक्राइन ट्युमर खतरे की बात नहीं भारत में ही हो सकता है इलाज

0
828

निशी भाट के साथ भारत चौहान
लंबे कयास के बाद आखिरकार सिने कलाकार इरफान की बीमारी का खुलासा हो गया है। शुक्रवार को एक अधिकारिक बयान के अनुसार इरफान खान को न्यूरोइंडोक्राइन ट्युमर है, जिसके इलाज के लिए वह लंदन जाएगें। इरफान खान द्वारा जारी बयान की बीमारी के बारे में विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। इस बीमारी पर सर गंगाराम अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ़ सर्जिकल गेस्ट्रॉन्टेरोलॉजी एन्ड लिवर ट्रांसप्लांट के चेयरमेन और हेड डॉ सुमित्रा रावत के अनुसार न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर की कुछ खास विशेषताएं हैं-
– न्यूरोइडोक्राइन ट्युमर या एनईटी अनियंत्रित सेल्स है जो मस्तिष्क के न्यूरोइंक्राइन सेल्स से शुरू होते हैं, हालांकि न्यूरोइंडोक्राइन सेल्स पूरे शरीर में फैले हैं, अनियंत्रित गति से फैलने की वजह से इन सेल्स को अनोखे सेल्स भी कहा जाता है। इसे कार्सियोनॉयड ट्यूमर भी कहा जाता है।
– एनईटी न्यूरो प्लाज्मा दुर्लभ तरह का ट्युमर है, लेकिन अब इसकी संख्या में बढोतरी हो रही है एडवांस स्टेज पर पहुंचने तक यह ट्युमर बेहद शांत रहते हैं या यूं कहें कि इसके होने या होने का पता ही नहीं चलता।
– कई तरह के न्यूरोइंडोक्राइन ट्युमर लिवर, पित्त की थैली, थॉयरॉयड ग्लैंडस, अमाश्य आदि में भी दिखाई देते हैं।
– ट्युमर के लक्षण इस आधार पर तय होते हैं कि यह किस जगह सक्रिय अवस्था में उपस्थित है या असक्रिय अवस्था में।
– सक्रिय न्यूरोइंडोक्राइन की स्थिति उसके द्वारा स्त्रावित होने वाले हार्मोन की वजह से पता चलती है। कई सक्रिय एनईटी का पता लगाने के लिए क्लीनिकल पैथोलॉजी जांच जैसे इंसुलमोना, गैस्ट्रीनोमा, ग्लूकोमा और सोमोस्टोटीमा आदि जांचें की जाती हैं।
– असक्रिय एनईटी किसी तरह भी तरह का हार्मोन स्त्रावित नहीं करते जिसकी वजह से इनका पता एडवांस स्टेज में ही चलता है।
कुछ लक्षण से हो सकती है पहचान
क्यूंकि न्यूरोइंडोक्राइन सेल्स शरीर में सभी जगह फैली है, इसलिए कुछ विशेष तरह के लक्षण में सटीक जांच कर कैंसर की संभावना का पता लगाया जा सकता है।
बार-बार पेचिस होना- कार्सिनॉयड या एनईटी की यह एक सामान्य लक्षण हो सकता है। कार्सिनॉयड एक तरह से मेटास्टैटिक ट्युमर से मिलता जुलता है, इसलिए कोलोरेक्टल या कोलन में कार्सियानॉयड के पनपने की संभावना बढ़ जाती है।
पेट में लगातार दर्द- पेट में लंबे समय तक दर्द का बने रहना या पेट दर्द की सही वजह का न लग पाने में एक अहम जांच कार्सिनॉयड की भी करा लेनी चाहिए। लिवर के मेटाटॉस्टिक ट्युमर की वजह से पेट संबंधी गड़बड़ी हो सकती है।
– अधिकांश न्यूरोइंडोक्राइन ट्युमन की पहचान इंडोस्कोपी या रेडियोग्राफिक जांच के दौरान होती है। रेक्टम या मलद्वार के अलावा अमाशय में कार्सियोनॉयड अधिक देखे गए।
उन्होंने ये भी कहा की इस बीमारी का इलाज भारत में भी हो सकता है ये ज्यादा गंभीर बीमारी नहीं है

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here