अनुवांशिक बीमारियों की जांच अब लेडी हार्डिग में, हषर्वर्धन ने की शुरुआत

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली , केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणमंत्री डा. हषर्वर्धन ने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) में सोमवार को आनुवांशिक रोगों को रोकने के लिए निदान केंद्रों की औपचारिक शुरु आत की। इस केंद्र पर आनुवांशिक बीमारियों की जांच, इलाज, परामर्श के साथ इन्हें रोकने के लिए अभियान भी चलाया जाएगा। देश में पांच अस्पतालों में ऐसे केंद्रों की शुरु आत की गई है। इनमें लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में भी एक केंद्र बनाया गया है। इस मुहिम के तहत लेडी हार्डिंग अस्पताल ने हरियाणा के मेवात जिले को गोद लिया है जहां सबसे अधिक आनुवांशिक रोगों के बच्चे जन्म लेते हैं। इस केंद्र आनुवांशिक बीमारियों की वजह पता कर शोध कार्य भी किए जाएंगे। डा. हषर्वर्धन ने कहा कि ऐसी सुविधा प्रारंभ करने से यह तय है बाल मृत्युदर और दिव्यांगता के स्तर में कमी आएगी।
आसपास के इलाकों में चलेगा अभियान:
इस निदान केंद्र की प्रभारी डा. मनीषा कुमार ने बताया कि थैलेसीमिया, डाउनिसंड्रोम जैसी कई आनुवांशिक रोगों को रोकने के लिए अस्पताल में गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग के साथ आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की ब्लड जांच के लिए प्रेरित करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उदाहरण के लिए एनीमिया से पीड़ित लोगों से कहा जाएगा कि वे थैलीसीमिया की जांच कराएं और अगर जांच में थैलीसीमिया मेजर होने का पता चलता है तो वे किसी और थैलीसीमिया मेजर महिला या पुरूष से शादी न करें ताकि उनके बच्चे में भी थैलीसिमया होने का खतरा न हो। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं की जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि कहीं उनके पैदा होने वाले बच्चे को डाउनिसंड्रोम जैसी आनुवांशिक बीमारी न हो। गर्भ के तीन महीने में पता चलने पर ऐसे बच्चों को पैदा होने से रोका जा सकता है।

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