ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली, उपयुक्त अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता के कारण अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) प्रशासन ने जयप्रकाश नारायण एपेक्स ट्रामा सेंटर में डाक्टरों, फैकल्टी सदस्यों, नर्सिग स्टाफ व टेकनिशियनों की कमी को दूर करने के लिए एक प्रस्ताव केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा था। एम्स में बढ़ते मरीजों के बोझ और अदद इलाज की लंबी बढ़ती डेट की वजह है डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी। जिसे पुरा करने के लिए अब तक की जा रही कई चरणों में कवायदें नाकाफी साबित रही है। जिसमें यह भी बताया गया है कि ये सब संघ लोक सेवा आयोग (यूपीसएसी), स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) और डीएसएसएसबी जैसी केंद्र सरकार व सरकारी निकायों में नियुक्ति करती है। वे भी चयन करने में अब तक सफल नहीं हो सकी है। इस समस्या का निदान अस्थायी तौर पर एम्स से सेवानिवृत्त होने वाले या फिर हो चुके फैकल्टी सदस्यों व अन्य तकनीकी स्टाफ को अनुबंध के आधार पर रखा जाए।
प्रस्ताव में स्वास्थ्य विभाग ने ली दिलचस्पी:
एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया के अनुसार प्रस्ताव पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने सकारात्मक रूप से दिलचस्पी दिखाते हुए प्रस्ताव को मार्च 2020 तक मंजुरी देने का भरोसा दिलाया है। ऐसा होने के साथ ही रिक्त स्थायी पदों के सृजन के साथ ही उन्हें भरने के लिए सरकारी एजेसियों से पात्रता के आधार पर नियुक्त भी करेंगे। प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुडान के अनुसार हम इस समस्या से वाकिफ है। दरअसल, एम्स प्रशासन के प्रस्ताव के साथ ही हम रिक्त पदों को अनुबंध के आधार पर भरने के लिए देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों में काम कर चुके सेवानिवृत्त डाक्टरों को भी अनुबंध पर रखने पर विचार कर रहे हैं। दिक्कत यह भी है दो बार विज्ञापित किया। कुल 155 पदों के लिए विज्ञापन दिया लेकिन केवल 12 पद ही भरे जा सके। इनमें से ज्यादातर अभ्यर्थी इन पदों के लिए उपयुक्त नहीं पाये गये।
एम्स दिल्ली:
एम्स दिल्ली के फैकल्टी सदस्यों ने कहा कि नये एम्स में नियुक्तियां करना उचित है, यह जरूरत की मांग है लेकिन उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि मौजूदा समय में देश की राजधानी दिल्ली स्थित एम्स में रिक्त पदों को वरीर्यता क्रम में भरना चाहिए। एम्स फैकल्टी डा. विजय कुमार ने क हा कई बार मंत्रालय व सरकार का ध्यानाकषिर्त किया जा चुका है। यहां पर देशभर के मरीजों का दबाव रहता है।
एम्स में फैकल्टी सदस्यों, रेजीडेंट्स डाक्टरों, तकनीशियनों की कमी को दूर करने की पहल -सेवानिवृत्त सेवाओं के बाद अनुबंध पर रखे जाने की पहल
एम्स प्रशासन ने भेजा स्वास्थ्य मंत्रालय को प्रस्ताव, रिक्त पदों को भरने में ली दिलचस्पी -मार्च से पहले प्रस्ताव को अम्ल में लाए जाने का भरोसा