ज्ञान प्रकाश भारत और स्वीडन ने आपसी फायदे के लिये नवोन्मेषी रणनीतिक भागीदारी के जरिये आपसी सहयोग को और आगे बढाने तथा रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग अधिक मजबूत बनाने पर सहमति जताई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन के बीच आज हुई बातचीत में इसके साथ ही कई अन्य मुद्दों पर भी विचार विमर्श किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच नवोन्मेष, व्यापार और निवेश, संस्कृति के क्षेत्र में सहयोग पर फलदायी बातचीत हुई। दोनों ने प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग के क्षेत्रों पर भी विचारों का आदान प्रदान किया। प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में भारत और स्वीडन के बीच दोनों देशों की जनता के फायदे के लिये आपसी सहयोग का विस्तार करने के दो दस्तावेजों नवोन्मेष भागीदारी और संयुक्त कार्य योजना पर सहमति बनी। बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों का जोर इस बात को लेकर था कि स्वीडन किस प्रकार से भारत की विकास यात्रा में उसकी मदद कर सकता है। मोदी ने कहा, ‘‘स्वीडन ‘मेक इन इंडिया’ पहल का इसकी शुरुआत से ही समर्थक रहा है। प्रधानमंत्री लोफवेन ने हमारे मेक इन इंडिया कार्यक्रम में 2016 में बड़े व्यावसायिक प्रतिनिधिमंडल के साथ भागीदारी की थी।’’ उन्होंने कहा कि नवोन्मेष, निवेश, स्टार्ट-अप्स, विनिर्माण आदि भारत और स्वीडन के बीच सहयोग के मुख्य पहलू हैं। ‘‘इसके साथ ही हम भारत में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने से जुड़े क्षेत्रों नवीकरणीय ऊर्जा, शहरी परिवहन, अपशिष्ट प्रबंधन को भी हम महत्व दे रहे हैं।’’
मोदी ने कहा कि भारत और स्वीडन ने रक्षा और सुरक्षा सहयोग को भी और मजबूत बनाने पर सहमति जताईहै। स्वीडन रक्षा क्षेत्र में लंबे समय से भारत का भागीदार रहा है। इस क्षेत्र में भविष्य में भी रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग बढाने के कई अवसर हैं। ‘‘हमने सुरक्षा विशेषकर साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढाने का फैसला किया है।’’ मोदी ने यह भी कहा कि भारत और स्वीडन अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी अपने नजदीकी सहयोग को बनाये रखेंगे। स्वीडन के प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर भारत को ‘‘वैिक ताकत’’ बताया और कहा कि दोनों देशों की ‘जोड़ी बहुत उत्तम ’’ है। उन्होंने कहा कि हरित प्रौद्योगिकी और स्मार्टशहरों के क्षेत्र में सहयोग को लेकर सक्रियता बढी है। लोफवेन ने कहा कि भारत और स्वीडन सुरक्षा समझौते पर काम करने को सहमत हुये हैं। इससे पहले मोदी ने नरेश गुस्ताफ से भी मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की। मोदी कल स्वीडन की यात्रा पर यहां पहुंचे। उत्तरी यूरोप के इस देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 30 साल में पहली द्विपक्षीय यात्रा है। स्वीडन के प्रधानमंत्री लोफवेन ने हवाई अड्डे पर मोदी की अगवानी की। दोनों नेता एक ही वाहन से होटल गए। मोदी उत्तरी यूरोप के चार अन्य देशों..फिनलैंड, नॉव्रे, डेनमार्क और आइसलैंड के नेताओं के साथ भी बैठक करेंगे।