भारत चौहान नयी दिल्ली, भारत और जापान ने आज समुद्री सहयोग बढाने और चीन के बढते दबदबे वाले हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का फैसला किया। दोनों देशों ने इसी साल पहला संयुक्त थलसेना युद्धाभ्यास आयोजित करने, सैन्य उपकरण एवं हथियारों के सहनिर्माण में सहयोग बढाने का भी फैसला किया। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और उनके जापानी समकक्ष इत्सुनोरी आनोदेरा के बीच विस्तृत बातचीत में ये फैसले किये गये। भारत-जापान रक्षा वार्ता ऐसे समय हुई है जब कल चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगे चारदिवसीय दौरे पर यहां आने वाले हैं। अधिकारियों ने कहा कि दोनों मंत्रियों ने भारतीय नौसेना के लिए जापान से यूएस 2 शिनमायवा विमान खरीदने के भारत के लंबित प्रस्ताव पर भी बात की। दोनों पक्षों ने मानवरहित जमीनी यान (यूजीवी) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में एक परियोजना को अंतिम रूप दिया। यह इस तरह की पहली द्विपक्षीय पहल है। उन्होंने कहा कि जापान समुद्री स्वरक्षा बल और भारतीय नौसेना दोनों नौसेनाओं के बीच सहयोग बढाने के तरीकों को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं। संयुक्त प्रेस बयान में कहा गया कि मंत्रियों ने इस बात को साझा किया है कि दोनों देशों के लिए ‘जापान इंडिया स्पेशल स्ट्रेटेजिक एंड ग्लोबल पार्टनर्शिप’ के तहत रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग और मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
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