ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , दुनिया में सबसे ज्यादा डक्टर भारत तैयार कर रहा है। भारत में डक्टरों को सबसे बेहतर और गुणवत्ता पर जोर देने वाली चिकित्सीय शिक्षा दी जाती है। इसीलिए चिकित्सीय विद्यार्थियों को डक्टर बनने के बाद कुछ समय के लिए ग्रामीण इलाकों में सेवा जरूर देनी चाहिए। ये कहना है उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू का। बुधवार को दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कलेज के 60वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति ने करीब 150 विद्यार्थियों समेत 270 फैकल्टी सदस्यों को सम्मानित किया। इस दौरान लोकनायक अस्पताल, जीबी पंत और मौलाना आजाद मेडिकल कलेज (एमएएमसी) के कर्मचारी इत्यादि उपस्थित थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भारत और यहां के डाक्टर लगातार प्रगति कर रहे हैं। चिकित्सीय शोधों में भी हम दुनिया के बेहतर देशों में एक हैं। देश में शिशु मृत्यु दर में लगातार कमी देखने को मिल रही है। जबकि लोगों की जीवन प्रत्याशा में वृद्धि हो रही है। पोलियो की तरह जल्द ही कुष्ठ रोग से भी भारत मुक्त होने जा रहा है। कुछ रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में आबादी के अनुसार डाक्टरों की संख्या काफी बेहतर है। भारत इस समय आधुनिक जीवनशैली के कारण गैर असंक्रमित रोगों से जूझ रहा है। प्रदूषण और संक्रमण को लेकर भी चिकित्सा के क्षेत्र में प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि इनसब के बीच जरूरत है कि ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं पर फोकस करना चाहिए। सरकार लगातार गांव गांव तक चिकित्सा पहुंचाने का प्रयास कर रही है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की स्थापना इसीलिए की जा रही है। उन्होंने डक्टरों से अपील की है कि वे आगे बढ़कर ग्रामीण क्षेत्रों को अपनाएं और वहां भी सेवाएं दें। ताकि चिकित्सक के कर्तव्य और उद्देश्य से जन-जन स्वस्थ्य हो सके। समारोह में दिल्ली स्वास्थ्य सचिव संजीव खैरवार, आईसीएमआर के निदेशक ड. बलराम भार्गव, जीबी पंत अस्पताल की निदेशक ड. अर्चना ठाकुर, मौलाना आजाद मेडिकल कलेज के डीन डा. संजय त्यागी सहित तमाम विशेषज्ञ मौजूद थे।