आईजीआई टी-3 सोशल डिस्टेंसिंग अब स्वीजरलैंड की जोवेश तकनीक से करेगा निरानी -आर्टििफशल इंटेलिजेंस की मदद से भीड़ बढ़ने पर बजेगा अलार्म

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ज्ञान प्रकाश नई दिल्ली,महामारी कोरोना काल से अब हवाई यात्राएं भी सामान्य होने लगी है। लोगों में कोविड-19 के खौफ को कम करने और आम जिंदगी निडर होकर र्ढे पर लाने की कड़ी में दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग के प्रबंधन के लिए आर्टििफशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित पण्राली लगाई गई है। जो स्वीजरलैंड के जोवेश तकनीक से जाना जाता है।
दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेश कुमार जयपुरियार ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि टर्मिंनल-3 की छतों पर जगह-जगह ऐसे सेंसर लगाए गए हैं जिनसे कंट्रोल रूम में पता चलता रहेगा कि किस क्षेत्र में कितने लोग हैं। किसी भी क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होने पर एआई की मदद से अलर्ट जारी होगा और संबंधित एजेंसियां सतर्क हो जाएंगी। एयरपोर्ट कर्मचारी उस क्षेत्र में जाकर सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करेंगे। पायलट के तौर पर इस पण्राली का प्रयोग बीते डेढ साल से चल रहा है। अब इसे पूरी तरह से अम्लीजामा पहनाया गया है।
ऐसे करेगी काम:
यह पण्राली व्यक्ति घनत्व सूचकांक के आधार पर काम करती है। सूचकांक शून्य से पांच के स्केल पर तैयार किया गया है। सूचकांक एक से कम होने का मतलब है कि घनत्व कम है और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन हो रहा है। सूचकांक एक से दो के बीच होने का मतलब है कि उस क्षेत्र में भीड़ बढ़ रही है। सूचकांक दो से अधिक होने से पता चलता है कि वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो रहा है। सूचकांक डेढ़ पर पहुंचने पर संबंधित एजेंसियों को अलर्ट पहुंच जाता है।
यात्री फ्रेंडली है:
जयपुरियार ने दावा किया कि एयरपोर्ट के प्रवेश क्षेत्र, चेक इन, सुरक्षा जांच, इमिग्रेशन जैसे हर उस क्षेत्र में सेंसर लगाए गए हैं जहां यात्रा से संबंधित प्रक्रियाएं पूरी होती हैं। कुल 516 सेंसर लगाए गए हैं जिनमें 16 सेंसर टर्मिंनल के आठ प्रवेश द्वारों पर हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 का टीका आने के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने की जरूरत बनी रहेगी।

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