अगर नजरंदाज की डाक्टर्स की एडवाइजरी तो दर्जनभर से अधिक लोगों के जीवन में हो सकता है अंधकार -आतिशबाजी के दौरान आंखों के क्षतिग्रस्त होने के इस बार ज्यादा मामले

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ज्ञानप्रकाश,नई दिल्ली दिवाली के दूसरे दिन दिल्ली और एनसीआर की हवा एक बार
फिर से जहरीली हो गई है। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ की
श्रेणी में आ गई है। राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाके में लोगों ने रात आठ
से दस बजे के बीच पटाखा फोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गई
समय-सीमा का उल्लंघन किया। दिल्ली के लगभग हर इलाके में विजिब्लिटी कम हो
गई है। चारों तरफ धुआं-धुआं ही दिख रहा है। आतिबाजी के दौरान इस बार
विशेषज्ञों की सलाह को लोगों ने गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है बीते
सालों की अपेक्षा इस बार राजधानी के पांच अस्पतालों से प्राप्त आंकड़ों
में झुलसों के आंकडे में वृद्धि दर्ज की गई है। फेफड़े में तकलीफ के
मामलों में 67 फीसद तक वृद्धि दर्ज की गई है। आंखों के क्षतिग्रस्त होने
के सर्वाधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
गुरुनानक नेत्र चिकित्सालय में 13 वर्षीय एक बच्चे के आंखों की पुतलियां
गंभीर रूप से झुलस गई। उसे पैरेंट्स पटाखा जला रहे थे एक राकेट उसके
चेहरे की तरफ आ गया। जिससे उसकी बाएं आंख क्षतिग्रस्त हो गई। अस्पताल के
वरिष्ठ सर्जन डा. जेएल गोयल के अनुसार यदि बच्चा चश्मा का प्रयोग करता तो
इस अनहोनी को कुछ हद तक कम किया जा सकता था। उसने आदी बाजू के कपड़े भी
पहने थे। वहीं ऐसे ही एक मामला एम्स के आरपी सेंटर में 56 वर्षीय राम
सिंह के साथ भी आया। मेरठ के मूल निवासी राम सिंह के दोनों आंखें
क्षतिग्रस्त हो गई है। तीसरा मामला जीटीबी अस्पताल में 19 वर्षीय रोहित
कुमार का दर्ज किया गया। रोहित के आंखों के साथ ही चेहरा भी बुरी तरह से
झुलस गया है। वह अनार बम जला रहा था, जिसमें आग लगाते वक्त ब्लास्ट हो
गया। उसके दाएं हाथ और बाएं पैर का 16 फीसद हिस्सा भी क्षतिग्रस्त बताया
गया। डीडीयू हास्पिटल में आए चार मामलों में से एक की आंखों की रोशनी जा
चुकी है। अस्पताल के आप्थमालॉजिस्ट डा. एसके सिंह के अनुसार उसके आंखों
में बारुद के जहरीले कण घुस गए हैं। जिसकी दो चरणों में सर्जरी की गई है।
स्थिति सामान्य होना चुनौती पूर्ण हैं। उसे फिलहाल दृष्टि प्रदान करने
वाली वाहिकाएं (अर्टिरेरी) क्षतिग्रस्त हो गई है। पुतलियों का 67 फीसद
हिस्सा असामान्य है। आई सेवेन के निदेशक डा. संजय चौधरी ने तीन से ज्यादा
पटाखों से क्षतिग्रस्त कार्निया क्षति ग्रस्तों की सफलता पूर्वक सर्जरी
की। डा. चौधरी ने कहा कि कुल 12 मामले आंखों में क्षतिग्रस्त होने के
डिफेंस कालोनी, दरियागंज, जनकपुरी आई क्लीनिक्स में लाए गए। लोगों ने
नेत्र सर्जन्स की पटाखा छोड़ते या फिर देखने में शामिल होने वालों की
एडवाजरी को नजरंदाज किया। जो दुर्घटना का सबब बनी।
यह भी:
सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरमेंट (सीएसई) के अनुसार इस बार प्रदूषण में
पार्टिकल्स की मात्रा ज्यादा दर्ज की गई थी। दिल्ली की एयर क्वालिटी
बुधवार को दिनभर ‘खराब’ से ‘बहुत खराब’ केटेगरी के बीच बनी रही, लेकिन
रात नौ बजे के बाद इसका लेवल और खतरनाक हो गया। दिल्ली के कई इलाकों में
आज सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 दर्ज किया गया है, जो बेहद खराब’ की
श्रेणी में आता है।

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