महिलाओं का उत्पीड़न सिनेमा तक ही सीमित नहीं: गुलजार

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भारत चौहान मुंबई, वरिष्ठ गीतकार गुलजार ने कहा है कि महिलाओं का उत्पीड़न समाज में हर जगह व्याप्त है और यह केवल सिनेमा तक सीमित नहीं है। उन्होंने साथ ही कहा कि सिनेमा कोई बाइबिल लिखना नहीं है, यह समाज को आइना दिखाता है। गुलजार ने कहा, ‘‘निर्देशक काफी बोल्ड विषयों के साथ आ रहे हैं जो हकीकत के करीब हैं। सिनेमा आपके समाज का आइना है जो दिखाता है कि आसपास क्या हो रहा है।अगर हम यह कहें कि महिला या लड़की का उत्पीड़न केवल सिनेमा में है तो मुझे ऐसा नहीं लगता।यह समाज में व्याप्त है।’’ गुलजार भवानी अय्यर के पहले उपन्यास ‘‘एनॉन’’ की सफलता पर मंगलवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान फिल्म समीक्षक राजीव मसंद से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘सिनेमा ने आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आपको आइना दिखाने से बख्श दिया है।खुदा का शुक्र है। लेकिन सावधान रहें, सिनेमा ने आज आपके जीवन के प्रत्येक हिस्से को दिखाना शुरू कर दिया है।’’ गीतकार ने कहा, ‘‘सिनेमा बाइबिल लिखना नहीं है। यह आपको नैतिकता या जीने के लिए अच्छे मूल्य नहीं सिखाता। सिनेमा इसके लिए बना ही नहीं है। अगर आप सिनेमा से यह चाहते हैं कि यह आपको अच्छे मूल्य सिखाएगा तो यह आपकी गलती है। यह बाइबिल नहीं है।’’

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