गुड न्यूज: चीन से आए भारतीयों में नहीं मिला अति खतरनाक वायरस -एक्सपर्ट्स टीम ने दिया फिटनेस मेडिकल सर्टिफिकेट

कहा अभी कुछ दिन घर पर रहे लेकिन अपनों से भी कम से कम 15 दिन तक बनाए रखे दूरी -कुछ को दी गई हैं हर दिन स्वास्थ्य जांच की सलाह -फिटनेस की श्रेणी में तीन माह का शिशु और उसकी मां भी

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ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , चीन के वुहान से कोरोना वायरस के संभावित रोगियों से मंगलवार को रोगी होने का ठप्पा हट गया। आईटीबीपी (इंडो तिब्बत बार्डर पुलिस) ने उनको कोरोना वायरस मुक्त होने का अधिकृत प्रमाणपत्र दिया। आईटीबीपी अधिकारियों ने मेडिकल सर्टिफिकेट के साथ एक एक गुलाब का फूल देकर देखरेख में रखे गए लोगों को जानकारी दी कि वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। बुहान से आए करीब 406 यात्रियों को आईटीबीपी के छावला सेंटर में विशेष देखरेख में रखा गया था। कल शाम से वे अपने घर के लिए रवाना होना शुरू हो चुके हैं। अब तक करीब 236 मरीजों को सेंटर से छुट्टी दे दी गई है, जिसके बाद वह अपने अपने घर चले गए। हालांकि अभी उनका अपने घर में भी 14 दिन विशेष ख्याल रखना होगा। उनको अपने परिजनों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। आईटीबीपी ने सभी लोगों को ड्राप सुविधा दी थी और उनको एअरपोर्ट, रेलवे स्टेशन जैसी जगहां पर पहुंचाया गया।
हर दिन बोरिंग जांच से मिली मुक्ति:
ज्यादातर लोगों को उनके घर के लिए भेज दिया गया। करीब 156 लोग अभी भी आईटीबी की हेल्थ टीम की देखरेख में रखा गया था उन्हें भी शाम तक छुट्टी दे दी गई। सभी लोगों में हालांकि कोरोना वायरस निगेटिव नहीं है। अधिकारियों के मुताबकि, संभावित वायरसग्रस्त लोगों को रोजाना स्वास्थ्य जांच हुई, खानपान का विशेष ध्यान रखा गया। डिस्चार्ज प्रक्रिया पूरी करने के बाद वांगसू (45) ने कहा कि हर दिन की जांच से मैं बोर हो गया था चलो आज से मैं नए जीवन की शुरूआत करने जा रहा हूं। उनकी तरह ही कई अन्य मरीजों ने भी बोरिंग से मुक्ति के क्षण जैसी बात कही। आईटीबीपी के लिए यह खास मौका इसलिए भी था क्योंकि एक नई तरह की परिस्थिति से निपटने के लिए उन्हें खूद को भी मनोवैज्ञानिक तौर पर तैयार करना पड़ा था। कई बार जब इन लोगों की तबियत में मामूली बदलाव भी देखने को मिला, तो डाक्टरों ने प्राथमिकता देकर अपनी बेहतर कोशिश की। आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय ने बताया कि आईटीबी के इस कैंप में मालदीव के 7 नागरिकों के साथ 7 बच्चे भी शामिल थे। जिनमें एक बच्चा तो सिर्फ तीन महीने का था। करीब 192 महिलाएं भी इस कैंप में थी। जिनको कोरोना वायरस का खतरा था। स्वास्थ्य होने के लिए खुश रहना जरूर है और आईटीबीपी ने इन मरीजों के लिए टेलीविजन, इंडोर गेम्स जैसी व्यवस्था भी की थी। जिससे इनका मनोरंजन हो। साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया और हर दिन तीन से चार बार पूरे कैंप की सफाई होती है।

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