सफदरजंग, आरएमएल कलावती सरन और लोकनायक, एलबीएस, डीडीयू में जूनियर रेजीडेंट की नियुक्ति प्रक्रिया की गयी बेहद जटिल

0
565
File Photo

ज्ञानप्रकाश नई दिल्ली , केंद्र व दिल्ली सरकार के बीच तनातनी और सरकारी महकमे की लापरवाही के चलते एमबीबीएस कर चुके सैकड़ों भावी डॉक्टरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, राजधानी के छह अस्पतालों में एक ही दिन जूनियर रेजीडेंट पद पर नियुक्ति होने से ये डॉक्टर खासा परेशान हैं। इनकी जगह और सेंटर अलग अलग है। परीक्षा के लिए आवेदन करने का समय एक ही है, जिसे उस अस्पताल में जाकर ही किया जा सकता है।
मामला:
नई दिल्ली क्षेत्र में स्थित सफदरजंग, डा. राम मनोहर लोहिया व कलावती सरन बाल चिकित्सालय के साथ साथ लोकनायक, लाल बहादुर शास्त्री और डीडीय हास्पिटल में भी 11 जून को जूनियर रेजीडेंट पदों पर भर्ती प्रक्रिया होनी है। सभी 6 अस्पतालों में चयन प्रक्रिया का समय भी सुबह 11 बजे निर्धारित किया है। सुबह 10 से 11 बजे के मध्य आन द स्पाट रजिस्ट्रेशन संबंधी आवेदन का समय दिया गया है। इनमें से तीन यानी सफदरजंग, आरएमएल, कलावती सरन बाल चिकित्सालय केंद्र सरकार व अन्य तीन क्रमश: लोकनायक, लाल बहादुर शास्त्री, डीडीयू दिल्ली सरकार के अधीन है। ऐसे में आवेदक डाक्टरों का कहना है कि अगर एक साथ भर्ती प्रक्रिया होगी तो उन्हें सिर्फ एक ही अस्पताल में खड़ा होने का मौका मिलेगा।
समस्या की पुनरावृत्ति क्यों:
फेडरेशन ऑफ डाक्टर्स रेजिडेंट्स एसोसिएशन (फोर्डा) का कहना है कि ऐसे ही दिक्कते हमें पहले भी हो चुकी है। हालांकि डाक्टरों के दबाव के चलते अस्पताल प्रशासन ने समय सीमा में कुछ मोहलत दे दी थी। एक अधिकारी ने बताया कि यह ऐसी ही समस्या दरअसल बीते 5 फरवरी 2019 को भी इसी तरह से ही घोषित करने के बाद हुई थी। उस दौरान डाक्टरों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा था।
डाक्टरों का तर्क:
परीक्षा की तैयारी कर रहे हिंदुराव अस्पताल के डा. रोहित ने बताया कि हमारा अधिकार है कि वे तीनों में परीक्षा या साक्षात्कार देकर अपनी योग्यता साबित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य अधिकारी हरकत में:
बहरहाल इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक संयुक्त निदेशक का कहना है कि उनके पास भी इस तरह की शिकायत आई है। इस बारे में अस्पतालों से बातचीत की जा रही है। वहीं दिल्ली स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन पर पूरा मामला डाल दिया है। अलबत्ता स्वास्थ्य सचिव संजीव खिरवार ने कहा कि चूंकि संजय गांधी स्मारक अस्पताल ही दिल्ली सरकार के अंतर्गत आता है अन्य जिन दो अस्पतालों में साक्षात्कार होने है उनका संचालन और प्रबंधन केंद्र सरकार करती है। यह महज एक इत्तेफाक है। जबकि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदान ने कहा कि केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार की नीतियां अलग है इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। जरूरत पड़ी तो परीक्षा का समय या तिथि परिवर्तित कर दी जाएगी। अनुबंध पर रखने की प्रक्रिया संबंधी अधिकार दरअसल, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षकों को दिए गए हैं। उन्हें निर्देशित किया जाएगा कि भविष्व में वे संबंधित विभागों से तालमेल करने के बाद ही परीक्षा संबंधी घोषणाएं करें।
दी आंदोलन की चेतावनी:
इन सब के बीच सैंकड़ों डॉक्टर अपने भविष्य को लेकर चितिंत हैं। उनका तर्क है कि अगर सरकार ने अस्पतालों में प्रक्रिया के समय में परिवर्तन नहीं लाया तो वे अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जाएंगे। सभी अस्पताल में जूनियर रेजीडेंट पदों की नियुक्ति अलग अलग समय पर होनी चाहिए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here