ज्ञानप्रकाश
नई दिल्ली, महामारी कोरोना से निबटने के लिए अब टीकाकरण की सिर्फ 48 घंटे ही शेष है। दिल्ली सरकार ने हर स्तर पर डबल चैक की रणनीति को अपनाते हुए हर स्तर पर स्क्रीनिंग के मध्य ही टीकाकरण करण शुरुआत करने की रणनीति तय की है। विभिन्न जिलों के डीविजनल मस्ट्रिेट की अगुवाई में सीडीएमओं की देखरेख में टीकाकरण अभियान प्रारंभ होगा। इसके तहत शत प्रतिशत संतुष्ट होने के बाद ही कोरोना वॉरियर्स को टीकाकरण किया जाएगा। इसके पहले हालांकि कोविन एप के जरिए सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी करने का काम लगभग अन्तिम चरण में है ।
ऐसे होगा टीकाकरण:
एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. सुरेश कुमार ने बताया कि हमारे यहां वैक्सीनेशन के तीन सेंटर हैं। हर सेंटर में 9 लोगों की टीम है। इन लोगों को वैक्सीनेशन के लिए अलग से ट्रेनिंग भी दी गई है। डॉक्टर सुरेश ने बताया कि उनके यहां वैक्सीन की डोज शनिवार की सुबह पहुंचेगी और 8 बजे से वैक्सीनेशन शुरू होगा। रोजाना एक सेंटर पर 100 लोगों को वैक्सीनेशन होगा। उधर, ताहिर पुर स्थित राजीव गांधी सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल में केंद्रीय टीकाकरण भंडारन केंद्र स्थापित किया गया है। अस्पताल के निदेशक डा. बीएल शेरवाल ने कहा कि सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। पुलिस टास्क फोर्स की भी मदद ली गई है। टीकाकरण के लिए स्थापित 89 केंद्रों में टीके पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर की सुविधा टीकों से लदे ट्रकों को मिलेगी।
कोविड-19 टीका 28 दिनों के अंतर पर:
दिल्ली सरकार में टीकाकरकर मामलों के नोडल अधिकारी डा. ऋतु गर्ग ने कहा कि कोविड-19 का टीका 28 दिनों के अंतर पर लगेगा और दूसरा टीका लगने के 14 दिनों के बाद उसका असर शुरू होगा। टीका का असर खुराक पूरा होने के 14 दिनों बाद दिखना शुरू होगा। उन्होंने कहा हम लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे कोविड-19 से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन करना जारी रखें। टीके की दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर होगा। भारत में कोविड-19 का टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू हो रहा है और पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मिंयों और कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जाएगा।
बता दें कि हाल ही में दो टीकों के आपात उपयोग की भारत के औषध नयंत्रक ने अनुमति दी है। ये टीके हैं ऑक्सफोर्ड का कोविशील्ड जिसका उत्पादन भारत में पुणो स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) में हो रहा है और दूसरा है भारत बायोटेक का कोवैक्सीन। दोनों टीकों के सुरक्षित और प्रभावी होने की पुष्टि हुई है। कोवैक्सीन टास्क कमेटी के चेयरमैन डा. वीके पॉल ने कहा कि इन दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दोनों सुरक्षित हैं और उनसे कोई खतरा नहीं है। हमें इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि जिन दो टीकों को मंजूरी दी गई है वे सबसे सुरक्षित हैं। दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और इसके साइड इफेक्ट नगण्य हैं। कोई बड़ा खतरा नहीं है। कोविड-19 का टीकाकरण चरणबद्ध तरीके से होगा। उन्होंने कहा स्वास्थ्य कर्मी सर्वोच्च प्राथमिकता होंगे, उसके बाद अन्य कोरोना योद्धा, आयु के हिसाब से। स्वास्थ्य कर्मिंयों और कोरोना योद्धाओं को टीका लगाने पर आने वाला खर्च केंद्र सरकार वहन करेगी।