प्रवेश वर्मा और मनजिन्दर सिंह सिरसा द्वारा स्पीकर के साथ मुलाकात, टीपू सुल्तान की तस्वीर हटाने की की मांग जस्सा सिंह आहलूवालीया और पृथ्वीराज चौहान की तस्वीरें विधानसभा गैलरी में लगाने के लिए सौंपा

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भारत चौहान नई दिल्ली
मैंबर पार्लियामेंट प्रवेश साहब सिंह वर्मा और दिल्ली के विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने आज दिल्ली विधान सभा के स्पीकर राम निवास गोयल के साथ मुलाकात की और उन को दिल्ली विधान सभा में से टीपू सुल्तान की तस्वीर हटाए जाने की मांग की और साथ ही उन को जस्सा सिंह आहलूवालीया और पृथ्वीराज चौहान की तस्वीरों सौंपी जिससे वह दिल्ली विधानसभा गैलरी में लगाईआं जा सकें।

दोनों नेताओं ने टीपू सुल्तान, जस्सा सिंह आहलूवालीया और पृथ्वीराज चौहान के जीवन बारे प्रकाश डालता पत्र भी उन को सौंपा और कहा कि असली राष्ट्रीय हीरो अकेले वह नहीं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी बल्कि जिन्होंने मुगलों के खिलाफ जंगें लड़ी वह भी अहम राष्ट्रीय शख्सियतें हैं।

उन्होंने स्पीकर को बताया कि वह कनाट प्लेस में यह जनमत करवाने लगे हैं कि दिल्ली विधानसभा और अन्य अहम स्थानों पर कहनों की तस्वीरें लगनीं चाहए न और इस जनमत के नतीजे से उन को अवगत करवाते।

उन्होंने यह भी कहा कि टीपू सुल्तान जो कि विवादग्रस्त तानाशाह राजा था की तस्वीर दिल्ली विधान सभा में लगाए जाने साथ देश भक्तों की भावनायों को चोट लगी है।

श्री वर्मा और श्री सिरसा ने बताया कि टीपू सुल्तान तानाशाह था जो न देश भक्त था और न ही धर्म निष्पक्ष था। उन्होंने अल्पसंख्यकों ख़ास तौर पर हिंदुयों और इसाईयों पर काफी कुर्ग, कलकत्त, कोचीन, मालाबार और मंगलौर आदि इलाकों में अत्याचार गिराऐ। टीपू के पिता हैदर अली मैसूर के हिंदु राजा के कमांडर थे। मैसूर के राजा की मौत के बाद हैदर अली ने राजा परिवार की पीठ में छुरा मारते ख़ुद को राजा ऐलान दिया।इस बाद में उसके पुत्र टीपू सुलतान ने इस्लामिक राज कायम किया और शरिया कानून और कैलंडर लागू किया। टीपू ने खुद माना था कि उसने चार लाख हिंदुओं और इसाईयों को मुस्लिम बनाया। उसने कई ऐतिहासिक शहरों और गांवों के नाम भी बदल कर इन को इस्लामी रंगत दी जैसे हल्की मंगलौर का नाम जलालाबाद कर दिया गया, मैसूर का नजाराबाद, बेपुर का सुल्तानपटनम, कैनोर का कुसानाबाद, गुटी का फैज, धरवर का कुरुशेद स्वाद, रत्नागिरी का मुस्तफाबाद, कोजीकोड का इस्लामाबाद और दिंदीगुल का खालिकाबाद आदि।

श्री सिरसा ने स्पीकर को यह भी बताया कि सिख सरदार जस्सा सिंह आहलूवालीया जो कि मुगलों और अहमद शाह अब्दाली खि़लाफ़ लडऩे वाले महान जनरल थे का वें जन्म दिनस मना रहे हैं। जस्सा सिंह आहलूवालीया ने हजारों महिलाओं को भी मुगलों की कैद में से मुक्त करवाया थी और 1783 में दिल्ली पर जीत दर्ज की थी और मुगलों को हराया थी। यह ऐसी जीत थी जिसने हमारे देश में मुगल राज का खात्मा किया था। इस लड़ाई में किसी भी आम आदमी को नुक्सान नहीं पहुंचा था।

दोनों नेताओं ने उन को राजा सूरज मंल और भाई रणधीर सिंह की तस्वीरों भी विधान सभा में लगाए जाने की सलाह दी।
स्पीकर ने दोनों नेताओं को बताया कि वह नयी तस्वीरों लाने का मामला जनरल मैटर समिति के हवाले करेंगे जो इस बाबत फैसला लेगी। उन्होंने बताया कि समिति के फैसले अनुसार 70 तस्वीरों पहले ही विधान सपा में लगाईआं गई हैं।

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